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'पलटू राम कहना इतना बड़ा अपराध नहीं है' सुनील सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा-'सत्यमेव जयते' - MLC SUNIL SINGH

सुप्रीम कोर्ट ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ टिप्पणी के लिए राजद नेता सुनील सिंह को निष्कासित करने के फैसले को रद्द कर दिया है.

राजेडी सुप्रीमो लालू यादव के साथ सुनील सिंह
राजेडी सुप्रीमो लालू यादव के साथ सुनील सिंह (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 25, 2025, 3:43 PM IST

पटना:सदन में अशोभनीय बर्ताव के लिए बिहार विधान परिषद से निष्कासित राष्ट्रीय जनता दल केएमएलसी सुनील सिंहको राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सदस्यता बहाल कर दी है. उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नकल यानी मिमिक्री करने पर निष्कासित कर दिया गया था. बता दें कि सुनील कुमार सिंह आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के करीबी माने जाते हैं.

फेसबुक पर किया पोस्ट:आरजेडी नेता सुनील सिंह ने अपने पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोस्टर जारी किया है जिसमें उन्होंने लिखा है 'सत्यमेव जयते'. सुनील सिंह के तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी भी ने उनका पक्ष रखा. सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी कि पलटू राम कहना इतना बड़ा अपराध नहीं है, जिसके कारण किसी विधान परिषद के सदस्य की सदस्यता खत्म हो जाए.

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सुनील सिंह के फेसबुक पोस्ट पर कमेंट की बाढ़ : सुनील सिंह के फेसबुक पेज पर एक यूजर ने लिखा कि 'यह सिर्फ सुनील सिंह की जीत नहीं है बल्कि लोकतंत्र की जीत है.' दूसरे यूजर लिखा 'पंगा नहीं लेने का, शेर की वापसी हो चुकी है.' कुछ यूजर इसे सुनील सिंह और राजद की जीत बताकर कमेंट कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि 'आखिर न्याय मिल ही गया...'. एक यूजर ने लिखा 'सत्यमेव जयते.' एक यूजर ने कहा कि 'यह एक ऐतिहासिक फैसला है. इसका परिणाम बहुत ही दूरगामी होगा.'

सुनील सिंह की एमएलसी सदस्यता बहाल: सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि निष्कासन के दौरान सात महीनों के वेतन भत्ते सुनील को नहीं मिलेंगे. कोर्ट ने विधान परिषद की इस सीट पर उपचुनाव कराने की अधिसूचना भी रद्द कर दी. सदन के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अशोभनीय व्यवहार करते हुए उनकी नकल उतारने के चलते विधान परिषद से बर्खास्त किए जाने के बाद राजद के पूर्व एमएलसी सुनील सिंह ने अपने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी

नीतीश कुमार पर की थी मिमिक्री :पिछले वर्ष 2024 के बजट सत्र के दौरान 13 फरवरी को विधान परिषद में बहस के दौरान सुनील कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पलटू कहा था. आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह के इस बयान के बाद विधान परिषद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ था.

सुनील सिंह (ETV Bharat)

सुनील सिंह के खिलाफ शिकायत: सुनील सिंह के इस आचरण के खिलाफ सत्ता पक्ष ने बिहार विधान परिषद की आचार समिति के पास इसकी शिकायत की. सुनील सिंह के इस आचरण के खिलाफ एक कमेटी का गठन किया गया. कमेटी के रिपोर्ट के बाद 26 जुलाई 2024 को बिहार विधान परिषद की सदस्यता समाप्त करने का फैसला सुनाया गया.

लालू प्रसाद के बेहद करीबी:सुनील सिंह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद ही करीबी माने जाते हैं. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी मुंहबोला भाई मानती हैं. सुनील सिंह जून 2020 में राजद की तरफ से बिहार विधान परिषद के सदस्य चुने गए. 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य सारण लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ी थी और इस पूरे चुनाव की जिम्मेदारी सुनील सिंह के कंधों पर थी.

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