रांची: भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार की कंगारू है. भाजपा रूपी कंगारू ने अपने झोले में ईडी, सीबीआई, आईटी जैसी एजेंसियों के अलावा भ्रष्टाचारियों को भी रख लिया है. छत्तीसगढ़ के तथाकथित शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इस बात पर मुहर लग गई है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उनके पुत्र यश पर पीएमएलए का चार्ज लगाया गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग मानने से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हो गया कि पीएम मोदी भ्रष्टाचार को हथियार बनाकर राजनीतिक खेल खेल रहे हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके इरादे को भांप लिया है. इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर जो रंगदारी वसूला गया है, उसका भी खुलासा हो चुका है.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हमारे नेता हेमंत सोरेन को भी लोकसभा चुनाव के पहले जमीन से जुड़े सिविल नेचर मामले को मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़कर गिरफ्तार कर लिया और जेल में डाल दिया. आने वाले समय में इससे जुड़ा सच भी सामने आ जाएगा. पूरी साजिश इसलिए की गई ताकि हेमंत सोरेन चुनाव प्रचार ना कर पाएं. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कांग्रेस नेता धीरज साहू को बदनाम करने की कोशिश की गई थी. उनके कारोबारी परिवार के ठिकानों से साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए बरामद होने पर ट्वीट किए गए थे. अब उसका क्या हुआ?
महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि छत्तीसगढ़ चुनाव के पहले झूठा शराब घोटाला इसलिए खड़ा किया गया ताकि सरकार बनने पर बस्तर में माइनिंग के लिए अदानी कंपनी की एंट्री कराई जा सके. उन्होंने आरोप लगाया कि माइनिंग की आड़ में जंगल में लगे पेड़ काटे जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सुप्रियो भट्टाचार्य ने उम्मीद जताई कि ईवीएम को लेकर जो शक जाहिर किया जा रहा है, उस मामले में भी अदालत ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है और उम्मीद है कि वीवीपैट की पर्ची गिनने का रास्ता खुलेगा.