सहरसा: बिहार का दूसरा एम्स सहरसा या दरभंगा, कहांं बने इसको लेकर लड़ाई छिड़ी हुई है. सहरसा में एम्स निर्माणको लेकर एम्स संघर्ष समिति के द्वारा लगभग 8 वर्षों से आंदोलन किया जा रहा है. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर दोनों जिलों का स्थल जांच कराकर, कौन सी जगह ज्यादा सूटेबल है? 1 मार्च तक इसकी जांच रिपोर्ट मांगी है. जिसके बाद सहरसा के लोगों में उम्मीद जगी है.
सहरसा एम्स निर्माण:इस मामले को लेकर शनिवार को एम्स निर्माण संघर्ष समिति के संरक्षक प्रवीण आनंद ने प्रेस वार्ता कर बताया कि '2015-16 के आम बजट में पूरे देश को 6 एम्स मिला, जिसमें 5 बनकर तैयार है. लाखों लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है, लेकिन बिहार का एम्स लड़ाई में फंस गया है'. उन्होंने कहा कि 'जब दरभंगा की जमीन को खारिज कर दिया गया, इसके बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दरभंगा में ही एम्स बनाने की जिद किए है'.
सहरसा एम्स के लिए जमीन उपलब्ध:उन्होंने कहा कि सहरसा में एम्स को लेकर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत 217.74 डिसमिल एकड़ जमीन उपलब्ध थी. 2015 में ही राज्य सरकार को पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी के द्वारा रिपोर्ट भेज दी गयी थी. उसके बावजूद दरभंगा में एम्स निर्माण की घोषणा सरकार द्वारा कर दी गयी और जमीन भी उपलब्ध करवा दी गयी.