दंतेवाड़ा:बैलाडिला की पहाड़ी पर ढोलकर गणेश जी मंदिर है. करीब 3 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थापित ढोलकल गणपति के सामने अबूझमाड़ मलखंभ खिलाड़ियों की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है. अबूझमाड़ के मलखंब खिलाड़ी मलखंब के खेल में कई खिताब जीत चुके हैं. अपने अदभुत खेल कला का प्रदर्शन इन एक्सपर्ट खिलाड़ियों ने ढोलकल गणेश जी के सामने भी किया. मलखंब खिलाड़ियों के प्रदर्शन का वीडियो अब सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहा है. सीएमओ छत्तीसगढ़ ट्वीटर की ओर से भी ये वीडियो शेयर किया गया है. शेयर में मलखंब खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की गई है.
मलखंब का खेल: मलखंब के खेल की गिनती भारत के प्राचीन खेलों में होती है. इस खेल में एक मजबूत लकड़ी को खिलाड़ी खंभे के तौर पर इस्तेमाल करता है. रस्सी और हाथ पैरों की मदद से इस खंभे पर कई तरह के करतब खिलाड़ी दिखाता है. साल 2013 में इस खेल को मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य का खेल घोषित किया है.
कहां हैं ढोलकल गणेश: दंतेवाड़ा जिले में बैलाडिला की पहाड़ियां और घने जंगल हैं. इस जंगल में एक पहाड़ है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से करीब 3 हजार फीट ऊंची है. पहाड़ की चोटी पर गणपति बप्पा खुले आसमान के नीचे विराजमान हैं. बस्तर में ढोलकल के गणेश काफी प्रसिद्ध हैं. दूर दूर से लोग इनके दर्शन करने के लिए आते हैं.
मंदिर से जुड़ी बड़ी बातें
कहा जाता है यह मंदिर नागवंश के दौरान 10वीं और 11वीं शताब्दी के बीच बना था.
यह मंदिर ग्रेनाइट पत्थर से बना है.
इस मंदिर में गणेश जी की मूर्ति के ऊपरी बाएं हाथ में टूटा हुआ दांत है.
ऐसी मान्यता है भगवान परशुराम के फ़रसे से कटकर यहीं गणपति जी का एक दांत गिरा था.
कहा जाता है कि मंदिर को बनाने में करीब एक हज़ार साल लगा है.
मंदिर को कोढोलकल गणेश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
प्रकृति प्रेमियों के लिए यह मंदिर अदभुत है.
नोट: यह प्रदर्शन सख्त सुरक्षा सावधानियों के तहत आयोजित किया गया था. हम दर्शकों से अनुरोध करते हैं कि वे इसे स्वयं करने का प्रयास न करें.