बीकानेर: जन्मकुंडली में अपनी राशि, मित्र राशि या उच्च राशि उपस्थित सूर्य जातक के जीवन में सफलता, ऊर्जा, प्रशासनिक पद, विजय, पिता या उच्च अधिकारियों से लाभ, मान सम्मान में वृद्धि करता है. इसके विपरीत अगर जन्म कुंडली में सूर्य शत्रु राशि, नीच राशि या अशुभ ग्रहों से युक्त हो तो सूर्य के जातक को अहंकारी, क्रोधी, महत्वाकांक्षी, आत्म केंद्रित आदि बनाता है. दुर्बल या पीड़ित सूर्य की दशा महादशा में पिता को कष्ट, पराजय, अपयश, सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी, कार्य में बाधा, व्यापार में असफलता आदि से सामना करना पड़ता है. दुर्बल सूर्य को बल देने के लिए तंत्र मंत्र यंत्र की सहायता ली जा सकती है. सूर्य ग्रह के कन्या राशि में गोचर से व्यापार वाणिज्य वृद्धि होगी और आर्थिक कार्यों में सफलता मिलने की संभावना रहेगी. बीकानेर के ज्योतिर्विद डॉ. आलोक व्यास के अनुसार सूर्य के इस गोचर से विभिन्न राशियों पर राशि अनुसार प्रभाव परिलक्षित हो सकते हैं. वो प्रभाव कुछ इस प्रकार होगा-
- मेष : रोग, ऋण या शत्रु पीड़ा हो सकती है. दैनिक क्रियाकलाप में अड़चन या शारीरिक कष्ट, वाद विवाद, निकट संबंधों में प्रतिकूलता होगी.
- वृषभ: रचनात्मक कार्य में रुझान, प्रेम प्रसंग के अवसर, संतान संबंधी कार्यों में ऊर्जा, सट्टेबाजी की मनोवृत्ति पैदा होगी.
- मिथुन: गृहस्थान पर नवाचार, भूमि मकान वाहन के क्रय विक्रय के अवसर, माता संबंधी पीड़ा, मन में बेचैनी होगी.
- कर्क: संप्रेषण कार्यों में लाभ, नव कार्य की योजना, छोटे भाई बहन से संबंधित चिंता या उनसे मतभेद, अल्प दूरी की यात्रा योग के योग बनेंगे.
- सिंह: पारिवारिक जिम्मेदारी, सामूहिक भोज के अवसर, वाणी या नेत्र दोष, स्थाई परिसंपत्ति निर्माण के योग बनेंगे.
- कन्या: आत्म छवि को लेकर असंतुष्टि, आत्मचिंतन या आत्म मनन, एकांतवास, व्यय में कमी, आर्थिक अनुकूलता के अवसर पैदा होंगे.
- तुला: आय की अपेक्षा व्यय में बढ़ोतरी, अस्पताल संबंधी खर्च, व्यापार में हानि, लंबी दूरी की यात्रा योग, विदेश में लाभ के योग बनेंगे.