शिमला: शिक्षक सम्मान का सम्मान बना रहे और ये किसी विवाद का हिस्सा न बनें, इसके लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अवॉर्ड नीति में बदलाव कर रही है. शिक्षक दिवस पर मिलने वाले सम्मान के लिए अब शिक्षकों को कसौटियों पर कसा जाएगा. सीएम की अगुवाई में 12 जुलाई को हुई कैबिनेट मीटिंग में नई नीति पर व्यापक रूप से चर्चा हुई. राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने इस विषय पर गंभीर अध्ययन व चर्चा के बाद नई नीति का ड्राफ्ट तैयार किया है. एक पखवाड़े के भीतर नई नीति को अधिसूचित करने की तैयारी है.
शिक्षकों को 6 कसौटियों पर कसा जाएगा: नई नीति में छह बदलाव होंगे. पहला बदलाव ये कि शिक्षक का रिजल्ट निरंतरता में कैसा रहता है, दूसरा यह कि सम्मान के लिए शिक्षक का नाम प्रस्तावित भी किया जा सकता है. यानी स्कूल का मुखिया, कोई सहयोगी अध्यापक, कोई संस्था आदि भी किसी शिक्षक का नाम प्रस्तावित कर सकती है. तीसरा यह कि जिस शिक्षक का नाम अवॉर्ड के लिए प्रस्तावित होगा, उसे एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताना होगा कि क्यों ये अवॉर्ड उसे दिया जाए. चौथा बदलाव ये है कि एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (एसीआर) के नंबर का प्रावधान कंसीडर नहीं होगा. यानी एसीआर के नंबर नहीं जुड़ेंगे. पांचवां ये कि स्कूल के छात्र-छात्राओं का फीडबैक भी लिया जाएगा. उनसे पूछा जाएगा कि शिक्षक विशेष के बारे में उनकी क्या राय है. अंतिम और छठा बदलाव ये कि सम्मान के लिए नॉमिनेट हुए शिक्षक का तय प्रक्रिया के आधार पर साक्षात्कार भी होगा.