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दिवाली से पहले सुक्खू सरकार ने दिया जल रक्षकों को तोहफा, बनाए गए पंप अटेंडेंट

सुक्खू सरकार ने जल रक्षकों को तोहफा दिया है. 12 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले 184 जल रक्षकों को पंप अटेंडेंट बनाया गया.

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 4 hours ago

जल रक्षकों को सुक्खू सरकार ने दिया तोहफा
जल रक्षकों को सुक्खू सरकार ने दिया तोहफा (ETV Bharat)

शिमला:हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने दिवाली से पहले जल शक्ति विभाग में 12 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को तोहफा दिया है. प्रदेश सरकार ने 184 जल रक्षकों को अब पंप अटेंडेंट बनाया है. जल शक्ति विभाग ने अनुबंध अवधि पूरी किए जाने के बाद इन्हें पंप अटेंडेंट बनाने का फैसला लिया है. ऐसे में अब दो साल की अनुबंध अवधि पूरी करने के बाद ये सभी कर्मचारी विभाग में रेगुलर किए जाएंगे, जिससे इन्हें राज्य सरकार की ओर से तय वेतन और भत्तों का लाभ मिलेगा. इस तरह से इन कर्मचारियों की अब दिवाली रोशन होने वाली है.

₹5400 मिलता है मानदेय:हिमाचलप्रदेश सरकार ने जल रक्षकों के लिए 12 साल की अनुबंध अवधि तय की है, जिन्हें 5400 रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है. प्रदेश भर में 184 कर्मचारियों ने 12 साल की तय अवधि को पूरा कर लिया है. इस लिए इन्हें पंप अटेंडेंट बनाया गया है. प्रदेश में इस समय छह हजार जल रक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन जल रक्षक को 60 फीसदी भुगतान जल शक्ति विभाग के माध्यम से मिल रहा है, वहीं 40 फीसदी भुगतान पंचायत करती हैं. हिमाचल प्रदेश में अब भी करीब 700 कर्मचारी ऐसे हैं, जो इस अवधि को पूरा कर रहे हैं और इसी साल दिसंबर तक इनका 12 साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा. ऐसे में जल शक्ति विभाग को दिसंबर में इन कर्मचारियों को लेकर भी फैसला करना होगा.

वहीं, जल रक्षक इस 60-40 के कोटे को खत्म कर खुद को पूरी तरह से जल शक्ति विभाग के अधीन किए जाने की मांग कर रहे हैं. जल रक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रूप लाल ने 184 कर्मचारियों को नियमित करने के फैसले का स्वागत किया है. लेकिन अभी भी जल रक्षकों को 12 साल की अवधि पूरी होने के बाद ही नियमित किया जा रहा है.

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पंप अटेंडेंट बनने वाले सभी कर्मचारियों को बधाई दी है. डिप्टी सीएम ने कहा, "अब कठिन समय पूरा करने वाले सभी कर्मचारियों का भविष्य उज्जवल होगा. राज्य सरकार ने कर्मचारियों को नियमित करने के लिए दो साल की समयावधि तय की है. अब कर्मचारी दो साल के बाद नियमित हो जाएंगे".

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