नई दिल्ली: भारत की थोक महंगाई सितंबर 2024 में बढ़कर 1.84 फीसदी हो गई, जो मुख्य रूप से फूड आइटम्स और मैन्युफैक्चरिंग इक्विपमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुई, जबकि पिछले महीने अगस्त 2024 में यह चार महीने के निचले स्तर 1.31 फीसदी पर थी.
फूड आइटम्स की कीमतें अगस्त में 10 महीने के निचले स्तर 3.3 फीसदी से 9.5 फीसदी बढ़ गईं. क्योंकि सब्जियां पिछले साल की तुलना में लगभग 49 फीसदी महंगी हो गईं.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति अगस्त में 3.11 फीसदी के मुकाबले पिछले महीने 11.53 फीसदी हो गई है. अगस्त में (-)10.01 प्रतिशत की तुलना में सब्जियों की मुद्रास्फीति 48.73 फीसदी रही. सितंबर में आलू और प्याज की मुद्रास्फीति क्रमश- 78.13 फीसदी और 78.82 फीसदी पर उच्च स्तर पर बनी रही.
फ्यूल और बिजली में अगस्त में 0.67 फीसदी की अपस्फीति के मुकाबले सितंबर में 4.05 फीसदी की अपस्फीति देखी गई.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सितंबर 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, मोटर वाहनों, ट्रेलरों और अर्ध-ट्रेलरों के निर्माण, मशीनरी और उपकरणों के निर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस महीने की शुरुआत में अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में बेंचमार्क ब्याज दर या रेपो दर को 6. 5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा.