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हिमाचल में प्राकृतिक खेती उत्पादों के समर्थन मूल्य की घोषणा, मक्के की एमएसपी ₹3000 प्रति क्विंटल

हिमाचल में प्राकृतिक खेती से उगाए गए मक्के का समर्थन मूल्य बढ़ाया है. एटीएमए ने मक्के की एमएसपी ₹3000 प्रति/क्विंटल देने की घोषणा की है.

प्राकृतिक खेती उत्पादों के समर्थन मूल्य की घोषणा
प्राकृतिक खेती उत्पादों के समर्थन मूल्य की घोषणा (FILE)
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By PTI

Published : Oct 14, 2024, 7:34 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है. हिमाचल सरकार ने प्राकृतिक खेती उत्पादों का समर्थन मूल्य बढ़ावा देने की घोषणा की है. हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग की कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) ने प्राकृतिक खेती से उगाए गए मक्के की खरीद के लिए 3,000 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की घोषणा की है.

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी के परियोजना निदेशक तपिंदर गुप्ता ने इस बारे में जानकारी दी. तपिंदर गुप्ता ने कहा, "हिमाचल प्रदेश कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी एटीएमए के तहत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 3,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मक्के की खरीद करेगी".

उन्होंने कहा, "बिलासपुर जिले में 6,438 किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है, जिनमें से 5,505 का सितारा पोर्टल पर पंजीकरण हो चुका है और प्राकृतिक विधि से उगाए गए मक्के की खरीद केवल इन्हीं किसानों से की जाएगी. मक्के की खरीद हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड विभाग के सहयोग से निर्धारित स्थानों पर 25 अक्टूबर से शुरू होगी".

बता दें कि सुक्खू सरकार प्रदेश के किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना की शुरुआत की है. इस योजना के पहले चरण में हर पंचायत से 10 किसानों को रसायन मुक्त खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. सरकार ने 36 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है. योजना से जुड़ने वाले किसानों के प्राकृतिक रूप से तैयार गेहूं को 40 रुपये और मक्की को 30 रुपये प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा. देश में गेहूं और मक्की पर दिया जाने वाला यह सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य है.

ये भी पढ़ें: दो महीने में ले लिया 1300 करोड़ का लोन, सुखविंदर सरकार अब तक ले चुकी है 34 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज

शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है. हिमाचल सरकार ने प्राकृतिक खेती उत्पादों का समर्थन मूल्य बढ़ावा देने की घोषणा की है. हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग की कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) ने प्राकृतिक खेती से उगाए गए मक्के की खरीद के लिए 3,000 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की घोषणा की है.

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी के परियोजना निदेशक तपिंदर गुप्ता ने इस बारे में जानकारी दी. तपिंदर गुप्ता ने कहा, "हिमाचल प्रदेश कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी एटीएमए के तहत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 3,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मक्के की खरीद करेगी".

उन्होंने कहा, "बिलासपुर जिले में 6,438 किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है, जिनमें से 5,505 का सितारा पोर्टल पर पंजीकरण हो चुका है और प्राकृतिक विधि से उगाए गए मक्के की खरीद केवल इन्हीं किसानों से की जाएगी. मक्के की खरीद हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड विभाग के सहयोग से निर्धारित स्थानों पर 25 अक्टूबर से शुरू होगी".

बता दें कि सुक्खू सरकार प्रदेश के किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना की शुरुआत की है. इस योजना के पहले चरण में हर पंचायत से 10 किसानों को रसायन मुक्त खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. सरकार ने 36 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है. योजना से जुड़ने वाले किसानों के प्राकृतिक रूप से तैयार गेहूं को 40 रुपये और मक्की को 30 रुपये प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा. देश में गेहूं और मक्की पर दिया जाने वाला यह सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य है.

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