पटना:बक्सर के नवनियुक्त सांसद सुधाकर सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. सुधाकर सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में साफ कर दिया कि वह किसानों के मुद्दे को सदन में और शक्ति के साथ उठाएंगे ताकि किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके. सुधाकर सिंह ने यह दावा किया कि 2025 के विधानसभा चुनाव में बिहार में इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी और तेजस्वी यादव पूर्ण बहुमत के साथ मुख्यमंत्री बनेंगे.
सवाल : 2024 लोकसभा चुनाव परिणाम को आप किस रूप में देखते हैं?
सुधाकर सिंह:2024 लोकसभा का चुनाव परिणाम तानाशाही व्यवस्था पर चोट पहुंचाने का काम किया है. बहुमत की आड़ में देश भर में मोदी सरकार ने तानाशाह का रुख अख्तियार किया था. युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया. अग्निवीर जैसी योजना लाई गई. किसानों के लिए बर्बर कानून बनाए गए. इन तमाम अवरोधों को देखने के बाद यह कहा जा सकता है कि यह एक बहुत बड़ा सबक है. अब बीजेपी के पास स्पष्ट जनादेश नहीं है और उम्मीद है कि एनडीए के लोग इस जनादेश का सम्मान करेंगे और आम लोगों के लिए कानून बनाने का काम करेंगे जिसका लोगों को लाभ मिल सके.
सवाल: अब देश में क्या प्रेशर पॉलिटिक्स का दौर शुरू हो गया है?
सुधाकर सिंह:जनता का जनादेश यदि किसी के लिए प्रेशर है तो मैं इसे स्वीकार करता हूं, लेकिन प्रेशर पॉलिटिक्स क्या होता है जनादेश ही प्रेशर है. लोगों के जनादेश ने ही यह बता दिया है कि इन लोगों ने काम नहीं किया है. मेरा यह मानना है कि जनमत की आड़ में कुछ धन्ना सेठ देश के लोगों को डिक्टेट कर रहे थे. इन लोगों के 16 लाख करोड़ रुपए माफ किए गए. जबकि किसान का 5 लाख करोड़ रुपया माफ नहीं किया गया. इसको किस प्रेशर के रूप में देखा जाए धन-बल के सामने भारतीय जनता पार्टी झुक रही थी, लेकिन जनबल के सामने सभी लोग नतमस्तक हुए. जितना जल्दी यह बात भारतीय जनता पार्टी समझ जाएगी उतना ही उसके लिए अच्छा रहेगा.
सवाल: किसानों के मुद्दे पर आप लगातार मुखर रहे हैं. अब आप सांसद बने हैं. संसद में बैठेंगे क्या सुधाकर सिंह अभी भी उसी रूप से किसानों की बात को उठाएंगे?
सुधाकर सिंह:किसानों को लेकर मेरा रुख सदन में और कड़ा होगा. मैं अब तक छोटे सदन में था, जहां पर हम बहुत बड़ा कानून नहीं बनवा सकते थे, हस्तक्षेप मेरा नहीं हो सकता था. अब मैं बड़ी पंचायत में गया हूं, जहां पर पैसे का बंटवारा राज्यों के लिए होता है. अब हम किसानों के लिए ज्यादा मुखर होकर उनके समर्थन में आवाज उठाएंगे, ताकि किसानों के लिए ज्यादा से ज्यादा पैसा रिलीज हो सके. किसानों की माली हालत खराब हुई है. रिजर्व बैंक के आंकड़ों को देखें तो ग्रामीण क्षेत्र में लोगों का बचत कम हुआ है. हमारी और किसानों की आमदनी कम हो गई. कृषि क्षेत्र में निवेश कम हुआ. न्यूनतम समर्थन मूल्य मात्र 6% बढ़ाया जा रहा था. जबकि 6% के आसपास महंगाई दर है. जब महंगाई दर और न्यूनतम समर्थन मूल्य बराबर रहे तो इसका लाभ किसानों को नहीं मिल सकता है. हमारे किसानों का खर्चा तीन गुना बढ़ा जबकि आमदनी डेढ़ गुना बढ़ी. यह घाटे का काम हो रहा था उसे मैं बदलने का प्रयास करूंगा.
सवाल:बिहार में जो चुनाव प्रचार के समय दावे किए जा रहे थे कि सभी सीट पर जीत होगी. चुनाव परिणाम के बाद एनडीए को कुछ घाटा लगा लेकिन आप लोगों को जितनी अपेक्षा थी उतनी सीट आप लोग जीत कर नहीं आ पाए. सिर्फ चार सांसद ही जीत पाए क्या कारण है?
सुधाकर सिंह: राजद के बेहतर प्रदर्शन नहीं होने पर सुधाकर सिंह ने इसका दोष मीडिया पर जड़ा. सुधाकर सिंह ने कहा कि मीडिया मोदी के 400 पार के नारे में हां में हां मिला रहे थे. ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल भी 400 के आसपास दिखाया जा रहा था. मीडिया ने लेवल प्लेयिंग कोई होने ही नहीं दिया. जो पांच प्रतिशत वोट इधर आना चाहिए था वह सत्ताधारी दल के तरफ चला गया. मीडिया ने नरेटिव के जरिए पांच प्रतिशत वोट बीजेपी के तरफ मूव कर दिया. जिसका फायदा एनडीए को मिला. यदि वह पांच प्रतिशत वोट एनडीए के पक्ष में नहीं जाता तो हम लोग बिहार में 30 सीट पर रहते और वह लोग 5 पर सिमट जाते. यह दोष हम लोगों पर नहीं जाना चाहिए, यह मीडिया पर भी सवाल खड़े कर रही है. ज्यादातर मीडिया की मैं बात कर रहा हूं 10% मीडिया निष्पक्ष है, लेकिन 90% मीडिया के लोगों ने 400 पार के नारे को आगे बढ़ने का काम किया.
सवाल:आपका मानना है कि मीडिया के कारण आप लोग ज्यादा सीट नहीं जीत पाए?
सुधाकर सिंह: बिल्कुल मीडिया के कारण विपक्षी दल के गठबंधन को कुछ घाटा लगा नहीं तो एनडीए सरकार 192 पर सिमट जाती.
सवाल:तेजस्वी यादव लगातार सार्वजनिक मंचों से कह रहे थे कि 40 की 40 सीटों पर हम लोग जीतेंगे. अपेक्षा अनुरूप परिणाम नहीं मिला तो मीडिया पर दोष क्यों?
सुधाकर सिंह:मैं इसलिए मीडिया को दोषी मानता हूं क्योंकि मैं 40 सीट का दावा कर रहा था. लेकिन मीडिया के लोग भी यह बता रहे थे कि एनडीए 40 सीट जीत रही है. तो फिर मीडिया को दोषी क्यों ना बताऊं. आखिर मीडिया क्यों कह रहा था कि एनडीए 40 सीट जीतेगा?
सवाल:एग्जिट पोल भी इस लोकसभा चुनाव में सही साबित नहीं हुए?