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सुदेश महतो ने सरकार पर बोला हमला, कहा- जिन्होंने जेएमएम की रखी थी नींव, उन्हें जयंती पर नहीं दिया सम्मान - Sudesh Mahto - SUDESH MAHTO

Birth Anniversary of Binod Bihari Mahto. बिनोद बिहारी महतो की जयंती पर सरकार की तरफ से कोई कार्यक्रम नहीं किए जाने पर सुदेश महतो ने जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि झारखंड के पुरोधा जिन्होंने जेएमएम की नींव रखी थी उन्हें सरकार ने जयंती पर सम्मान नहीं दिया.

Birth Anniversary of Binod Bihari Mahto
सभा को संबोधित करते सुदेश महतो (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 23, 2024, 7:08 PM IST

धनबाद: झारखंड के पुरोधा कहे जाने वाले बिनोद बिहारी महतो की जयंती पर आजसू के द्वारा तोपचांची के पावापुर गांव स्थित कसिया फार्म मैदान में टुंडी और डुमरी विधानसभा क्षेत्र के चूल्हा प्रमुखों का संयुक्त सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. साथ ही सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी और विधायक लंबोदर महतो समेत पार्टी के कई दिग्गज भी सम्मेलन में शामिल हुए. टुंडी और डुमरी विधानसभा क्षेत्र के करीब 15 हजार चूल्हा प्रमुखों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

मंच से सुदेश महतो ने बिनोद बिहारी महतो की जीवनी के माध्यम से लोगों को संदेश देने का काम किया. साथ ही राज्य सरकार पर उनकी जयंती पर कार्यक्रम नहीं करने पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि बिनोद बाबू के विचारों को रखने के लिए आज हम सभी उपस्थित हुए हैं. झारखंडी विचारधारा के जनक बिनोद बाबू संयुक्त बिहार में जिस पार्टी का उदय हुआ. आज वह पार्टी सत्ता में है. लेकिन दुख इस बात का है कि राज सत्ता में बैठे लोग सत्ता में इस तरह से चूर हो गए हैं कि अपनी विरासत की ओर पीछे मुड़ कर देखना नहीं चाहते हैं.

सभा को संबोधित करते सुदेश महतो (ईटीवी भारत)

झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष को पार्टी के आधार पर कहीं सम्मान नहीं दिया जा रहा है. साथ ही सरकार की ओर से बिनोद बाबू के सम्मान का कोई कार्यक्रम आहूत नहीं किया गया है. इस बात पर हमें दुख होता है. समय के साथ लोग आगे बढ़ते हैं, बढ़ना भी चाहिए. लेकिन जैसे-जैसे हम अपने उदय के कारणों को भूलते जायेंगे.

अपने सृजन के आधार को कमजोर करते जायेंगे. हमारी राज्य की सृष्टि का आधार भी कमजोर होता जायेगा. देश के किसी राज्य से अपने आप को मूल्यांकन करते हैं तो हर आदमी अपने आप को ठगा हुआ महसूस करता है. उसे लगता है कि बिहार से अलग होकर इस प्रदेश ने हमें दिया ही क्या है? इस प्रदेश को कहीं ना कहीं हमारी गरिमा और अस्मिता को चुनौती देने का काम कर दिया है. बताते चलें कि शिबू सोरेन, बिनोद बिहारी महतो और कामरेड एके राय ने मिलकर जेएमएम की नींव रखी थी.

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