रांचीः झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार वर्ष 2025-26 के आम बजट को अबुआ बजट बनाने की कोशिश कर रही है. समावेशी और विकासोन्मुख बजट के लिए जनता जनार्दन की भी राय ली गई है. सरकार ने इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले अपने लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त करने की पहल तेज कर दी है. राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने दावा किया है कि राज्य की आर्थिक स्थिति बेहद मजबूत है. उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा अगर 3% भी हो तब भी इसे ठीक माना जाता है, लेकिन झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की कुशल वित्तीय प्रबंधन की वजह से राजकोषीय घाटा सिर्फ 1.5% है.
राज्य की आर्थिक स्थिति बेहद मजबूतः राधाकृष्ण किशोर
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य की अच्छी वित्तीय स्थिति के बावजूद सरकार अपने राजस्व बढ़ाने और लक्ष्य से 5 से 10 हजार करोड़ रुपये अधिक की वसूली के लिए प्रयास कर रही है. मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 128000 करोड़ का लक्ष्य रखा था. जिससे अधिक राजस्व वसूली हो इसके लिए जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं.
मंईयां योजना के लिए राशि की कोई कमी नहीं- वित्त मंत्री
राज्य के वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में "मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना" के लिए इस वित्तीय वर्ष में राशि की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि तकनीकी वजहों से लाभुकों के खाते में राशि नहीं गई है. राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार टैक्स चोरी रोक कर अपने लक्ष्य 128000 करोड़ से 5000 करोड़ ज्यादा राजस्व प्राप्त करना चाहती है और इसके लिए सभी डीसी और अधिकारियों को आदेश भी दिए गए हैं. वहीं राज्य का राजकोषीय घाटा भी बेहद कम है. ऐसे में कल्याणकारी योजनाओं के लिए सरकार को धन की दिक्कत भी नहीं होगी.
वित्तीय प्रबंधन अच्छा तो पेंशन बंद क्यों- भाजपा प्रवक्ता
झारखंड की वित्तीय प्रबंधन को अच्छा बताने के वित्त मंत्री के दावे को गलतबयानी बताते हुए झारखंड भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज ने कहा कि जब राज्य सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है तो सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के जूते-मौजे फटे क्यों हैं. राफिया नाज ने कहा कि अगर पैसे की कोई कमी नहीं है तो अनुसूचित जाति-जनजाति और ओबीसी छात्रों को मिलने वाली छात्रवृति बंद क्यों है. उन्होंने कहा कि यदि वित्तीय स्थिति इतनी ही अच्छी है तो दिव्यांगों, वृद्धों और विधवाओं की पेंशन क्यों बंद है. राफिया नाज ने कहा कि अगर राज्य की वित्तीय स्थिति इतनी ही अच्छी है तो ग्राम पंचायत को वित्तीय अधिकार सरकार क्यों नहीं दे रही है.
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