रांची: झारखंड विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं. 24 फरवरी से शुरू हो रहे इस बजट सत्र को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने सामने हैं. दोनों ही अपनी-अपनी रणनीति तैयार करने में जुटे हैं.
27 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है. जिसपर 23 फरवरी को होने वाली बैठक में मुहर लगेगी. इधर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भी अपने विधायक दल की बैठक 23 फरवरी को बुलाई है. इसके बाद सत्ताधारी दल जेएमएम, कांग्रेस और राजद की संयुक्त बैठक होगी.
बीजेपी प्रवक्ता राफिया नाज कहती हैं कि सरकार से सदन में विपक्ष यह जानना चाहेगा कि चुनाव के वक्त जो वादे किये गये थे उनका क्या हुआ. भारतीय जनता पार्टी ने सदन में रियायती दर पर गैस सिलेंडर, धान के एमएसपी 3200 किए जाने, मंईयां सम्मान योजना सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी की है. इसके अलावा नगर निकाय चुनाव को लेकर कराए गए ओबीसी सर्वेक्षण की खामियों को भी सदन में उठाए जाने की तैयारी की जा रही है.
इधर विपक्ष की तैयारी का करारा जवाब देने के लिए सत्तारुढ दल भी तैयार है. कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा की मानें तो 23 फरवरी को रणनीति बनाई जाएगी. यदि विपक्ष सदन को नहीं चलने देगा तो इससे राज्य की जो मूलभूत समस्या है उसको हल करने में बाधा आएगी. विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है और वह जानबूझकर सरकार को बदनाम करने की साजिश रचती रहती है, ऐसे में इसका करारा जवाब देने के लिए भी हम तैयार हैं.
स्पीकर ने बुलाई 21 फरवरी को उच्चस्तरीय बैठक
27 मार्च तक चलने वाले विधानसभा के बजट सत्र को शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करने के उद्देश्य से स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने 21 फरवरी को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें राज्य के आला अधिकारी मौजूद रहेंगे.
विभिन्न दलों के नेताओं के साथ भी विधानसभा अध्यक्ष की बैठक होगी. जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद रहेंगे. हालांकि नेता प्रतिपक्ष की घोषणा अभी तक नहीं होने के वजह से सस्पेंस बरकरार है. इस बैठक में बीजेपी की ओर से कौन मौजूद रहेंगे यह देखना होगा.
इन सब के बीच 24 फरवरी से शुरू हो रहे झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2025 -26 का बजट वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर के द्वारा सदन में पेश किया जाएगा. इसके अलावा सत्र के दौरान सरकार की ओर से कई विधेयक लाने की भी तैयारी की जा रही है.
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