जोधपुर : महात्मा गांधी अस्पताल के गेस्ट्रो सर्जरी विभाग ने पहली बार हाइब्रिड तकनीक से आहार नली के कैंसर का सफल ऑपरेशन कर एक नई उपलब्धि हासिल की है. अस्पताल अधीक्षक डॉ. फतेह सिंह भाटी ने बताया कि अस्पताल में आहार नली, पेट, लिवर और पैंक्रियाज कैंसर के ऑपरेशन नियमित रूप से किए जा रहे हैं. इसी क्रम में, इस बार गेस्ट्रो सर्जरी विभाग ने नवाचार करते हुए हाइब्रिड तकनीक का उपयोग किया.
गेस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश चौधरी ने जानकारी दी कि नागौर जिले के डेगाना निवासी श्रीपाल मंडा को भोजन निगलने में कठिनाई हो रही थी. जांच के बाद उनके आहार नली में कैंसर का पता चला. मरीज को पहले रेडिएशन ओंकोलॉजी विभाग में रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी दी गई. इसके बाद उन्हें ऑपरेशन के लिए महात्मा गांधी अस्पताल रेफर किया गया. ऑपरेशन के बाद अब मरीज स्वस्थ हैं और सामान्य रूप से भोजन ग्रहण कर पा रहे हैं. उन्हें एक-दो दिनों में अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.
3D थोरैकोस्कोपिक से आहार नली कैंसर सर्जरी (ETV Bharat Jodhpur) इसे भी पढ़ें-डिस्टोनिया से ग्रसित 9 साल के बालक की सर्जरी सफल, स्थिति में सुधार - Jodhpur AIIMS
इन्फेक्शन का खतरा कम :डॉ. दिनेश चौधरी ने बताया कि हाइब्रिड तकनीक के तहत छाती के चीरे की जगह 3D थोरैकोस्कोपिक तकनीक का उपयोग किया गया. इस प्रक्रिया में आहार नली को फेफड़ों और हृदय से अलग किया गया. इसके बाद पेट और गर्दन पर चीरा लगाकर कैंसरग्रस्त आहार नली को निकाला गया और आमाशय से नई आहार नली बनाकर उसे गर्दन से जोड़ा गया. सामान्य ऑपरेशन में आहार नली निकालने के लिए तीन जगह गर्दन, छाती और पेट में चीरा लगाया जाता है. छाती पर चीरा लगाने से फेफड़ों के इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है, जिसे हाइब्रिड तकनीक से कम किया गया.
तीन चरणों में 8 घंटे चला ऑपरेशन :यह ऑपरेशन तीन चरणों में किया गया, जो सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक लगातार 8 घंटे चला. ऑपरेशन का नेतृत्व गेस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश चौधरी ने किया. इस दौरान डॉ. विजय राव और डॉ. विशाल धाकड़ ने सहयोग दिया. एनेस्थीसिया टीम में डॉ. राकेश कर्णावत, डॉ. सरिता जनवेजा, डॉ. प्रमिला सोनी, डॉ. अनीशा, डॉ. जितेंद्र, डॉ. अलीशा, डॉ. हर्षित और डॉ. मीरा शामिल रहे. अस्पताल के प्राचार्य एवं नियंत्रक बी.एस. जोधा ने इस सफलता पर ऑपरेशन टीम को बधाई दी और इसे अस्पताल की बड़ी उपलब्धि बताया.