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लॉकडाउन के समय इंजीनियरिंग छोड़कर शुरू की ड्रैगन फ्रूट की खेती, आज लाखों में होती है कमाई - Success Story

Success Story Of Kunal Kumar: बिहार के पूर्णिया में ड्रैगन फ्रूट की खेती इन दिनों काफी चलन में है. इसकी खेती से किसान लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं. टॉप टेन 10 हेल्दी फलों में शामिल ड्रैगन फ्रूट की डिमांड इन दिनों मार्केट में बढ़ गई है. इसकी खेती कर रहे युवा किसान कुणाल कुमार को आज कम लागत में लाखों का मुनाफा हो रहा है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Dragon Fruit Cultivation
पूर्णिया में ड्रैगन फ्रूट की खेती (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 22, 2024, 10:37 AM IST

पूर्णिया: आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं. उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं. पूर्णिया में युवा इन दिनों ड्रैगन फ्रूट की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं. यहां के एक युवा किसान जो पेशे से इंजीनियर है, वह इसकी खेती कर आसपास के किसानों को भी प्रेरित भी कर रहे हैं.

दो तरीके से हो रही ड्रैगन फ्रूट की खेती: पूर्णिया के धमदाहा प्रखंड के दमेली गांव निवासी पेशे से इंजीनियर कुणाल कुमार ने अपने गांव में पहले एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती की. खास बात यह है कि वह दो तरीके से ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. जिसमें पहला पिलर विधि तो दूसरा आधुनिक मचान विधि शामिल है. कुणाल की माने तो वह जैविक और सूक्ष्म सिंचाई विधि से खेती करते हैं. पहली बार में एक एकड़ में 6 से 7 लाख रुपये लागत लगती है लेकिन अगले 25 सालों तक 10 लाख रुपये सालाना प्रति एकड़ आय होती है.

पूर्णिया में ड्रैगन फ्रूट की खेती (ETV Bharat)

ड्रैगन फ्रूट की खेती से काफी मुनाफा: कुणाल ने कहा कि कोरोना काल में जब वह वर्क फ्रॉम होम कम कर रहे थे तो उन्होंने देखा कि सब कुछ बंद हो गया है लेकिन खेती ही सिर्फ जारी थी. इस दौरान उन्होंने सोचा कि क्यों ना ड्रैगन फ्रूट की खेती की जाए. उन्होंने पहले एक एकड़ में खेती शुरू की और जब उसमें अच्छा मुनाफा हुआ तो आज उस खेती को आगे बढ़ाया. उन्हें आज के समय में अच्छी आमदनी हो रही हैं और वह अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन गए हैं.

पूर्णिया के युवा किसान (ETV Bharat)

"कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम के दौरान मैंने देखा कि सब कुछ बंद हो गया है लेकिन खेती ही सिर्फ जारी थी. इस दौरान मैंने सोचा कि क्यों ना ड्रैगन फ्रूट की खेती की जाए. पहले एक एकड़ में खेती शुरू की और जब उसमें अच्छा मुनाफा हुआ तो आज उस खेती को आगे बढ़ाया है."-कुणाल कुमार, युवा किसान

एक बार की मेहनत से लाखों की कमाई (ETV Bharat)

एग्रो स्टार्टअप का बढ़ा चलन: वहीं दमेली के मुखिया अमित चौधरी ने कहा कि कुणाल ने एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती की है. उनकी इस खेती को देखकर लोग इंस्पायर हो रहे हैं. वह खुद ड्रैगन फ्रूट की खेती करने जा रहे हैं. वहीं पुर्णिया के जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि हाल के दिनों में पूर्णिया के युवा एग्रो स्टार्टअप से जुड़ रहे हैं, यहां इन दिनों क्लस्टर समेत 70 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती हो रही है. उन्होंने लोगों से भी अपील किया कि वह अपने खेतों में 80% पारंपरिक खेती करें लेकिन 20% खेतों में आधुनिक और प्रयोगिक खेती करें, ताकि किसान को अच्छी आमदनी हो सके.

पूर्णिया में ड्रैगन फ्रूट (ETV Bharat)

"कुणाल शुरुआत में जब ड्रैगन फ्रूट की खेती का आइडिया लेकर आए थे, तब हमें काफी अच्छा लगा था कि वो कुछ नया करने का सोच रहे हैं. अब इसकी खेती को देखकर मैं भी इसकी खेती करने जा रहा हूं."-अमित कुमार, मुखिया, दमेली

कम लागत में अच्छा मुनाफा (ETV Bharat)

"क्लस्टर में सरकार की तरफ से 5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर और इंडिविजुअल किसानों को 3 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाता है. पूर्णिया के युवा स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न और चाय की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं."-कुंदन कुमार, जिलाधिकारी, पूर्णिया

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