नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विभिन्न कॉलेजों के छात्र छात्राओं एवं अन्य विश्वविद्यालय से यहां पहुंचे समलैंगिक छात्रों ने शुक्रवार को आर्ट फैकल्टी के बाहर प्राइड परेड का आयोजन किया. इस दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के समलैंगिक छात्र-छात्राओं ने खुलकर लोगों के बीच अपनी भावनाओं को जाहिर किया और अपने साथ समाज में होने वाले भेदभाव को भी बयां किया.
इस दौरान छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) से जुड़ी डीयू की छात्रा सिमरन ने बताया कि डीयू के कॉलेज में जो भी समलैंगिक स्टूडेंट हैं, उनके बारे में नहीं बताया जाता है, कि कॉलेज में कितने ऐसे छात्र पढ़ रहे हैं. हर कॉलेज इस बात को छुपाता है. इन छात्रों की गिनती होनी चाहिए और उन्हें अलग सुविधा और अधिकार दिए जाने चाहिए.
यहां एंटी रैगिंग सेल है लेकिन वह भी इतना प्रभावी नहीं है, इसलिए कई बार छात्रों के साथ रैगिंग जैसी घटनाएं भी सामने आती हैं. कॉलेज में सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत करने के लिए इंटरनल कंप्लेंट कमेटी है, लेकिन वह भी प्रभावी रूप से कोई कार्रवाई नहीं करती है. उन्होंने कहा, 6 सितंबर के दिन ही सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2018 में भारत में समलैंगिकता को मंजूरी दी थी. इसी दिन धारा 377, जो समलैंगिकता को अवैध बनाती थी उसको समाप्त किया था. इसलिए इस दिन हम हर वर्ष सभी समलैंगिक छात्रों के साथ मिलकर डीयू नॉर्थ कैंपस के बाहर एक प्राइड प्राइड परेड निकलते हैं.