मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के बड़े दावे किए हैं. हर स्कूल में सभी आवश्यक सुविधाएं देने का दावा किया जा रहा है. लेकिन एमसीबी जिले में सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे हैं. एमसीबी जिला मुख्यालय से केवल 8 किलोमीटर दूर बरकेला गांव का सरकारी हाई स्कूल अव्यवस्थाओं से घिरा हुआ है. यहां पढ़ाई करने आने वाले बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहे है.
बच्चों की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल : बरकेला गांव के शासकीय हाई स्कूल के चारों ओर जंगल है, जहां कई जंगली जानवर मौजूद हैं. जिसके चलते इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा पर खतरा बना हुआ है. सरकार की ओर से बच्चों की सुरक्षा को लेकर किए गए दावे यहां फेल नजर आ रहे हैं. स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि यहां अक्सर जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है.
भारी अव्यवस्था के बीच चल रही पढ़ाई (ETV Bharat)
बाउंड्री वॉल नहीं होने की वजह से भालुओं के आने का खतरा यहां रहता है, जिससे छात्र छात्राएं डरे हुए हैं. : प्रदीप यादव, छात्र, शासकीय हाई स्कूल बरकेला
शौचालय में पानी नहीं, खुले में जाने को मजबूर : शासकीय हाई स्कूल बरकेला में शौचालय है, लेकिन पानी नहीं है. इस वजह से यहां पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं छात्राओं का तो कहना है कि स्कूल में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है.
स्कूल में शौचालय तो है, लेकिन पानी की कमी के चलते छात्राएं इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रही हैं. इसलिए खुले में ही शौच के लिए जाना पड़ता है. स्कूल में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. पीने के पानी के लिए उन्हें अध्यापकों को किसी अन्य स्रोत से पानी मंगवाना पड़ता है. : लक्ष्मी यादव, छात्र, शासकीय हाई स्कूल बरकेला
उच्च अधिकारियों को दी सूचना, लेकिन कोई सुनवाई नहीं : स्कूल के प्रिंसिपल सुरेश कुमार पटेल ने बताया कि स्कूल में पानी की समस्या गंभीर है. स्कूल परिसर में बोरिंग तो है, लेकिन वह काम नहीं करता. ऐसे में दूर से पानी मंगवाना ही एकमात्र विकल्प बचता है.
इन समस्याओं को लेकर उन्होंने जिले के उच्च अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को भी सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. : सुरेश कुमार पटेल, प्रिंसिपल, शासकीय हाई स्कूल बरकेला
बच्चों की सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल : सरकार की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को लेकर किए गए दावों की पोल यह स्कूूल खेल रहा है. बच्चों और खासकर बच्चियों की सुरक्षा को अनदेखा किया जा रहा है. ऐसे मामलों में जिम्मेदार अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे बच्चों की सुरक्षा और सुविधाओं को प्राथमिकता दें. अब देखना होगा कि क्या इस स्कूल में सुधार होगा या फिर बच्चों को खतरे के बीच पढ़ाई का सफर जारी रखना बहोगा.