रायपुर : साल 2024 बीतने और नए साल 2025 के आगमन में अब कुछ ही पल शेष हैं. ऐसे में अलग अलग क्षेत्रों के लिए यह साल कैसा रहा, इसे लेकर चर्चा जारी है. राजनीति की बात करें तो कांग्रेस को लेकर छत्तीसगढ़ में काफी यह साल काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है. जो कांग्रेस 5 सालों तक सत्ता पर काबिज रही, उसे दिसंबर 2023 में जनता ने सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया. जिसके बाद साल 2024 में कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में नजर आ रही है.
भाजपा सरकार को घेरने कोशिश करती रही कांग्रेस : विपक्ष की तौर पर कांग्रेस लगातार भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश करती रही. खासकर कानून व्यवस्था को लेकर लगातार कांग्रेस ने सरकार को घेरने की कोशिश की. लेकिन बाद में वह खुद कानून के शिकंजे में फंसती चली गई. फिर चाहे मामला शराब घोटाला हो, बलौदा बाजार की घटना हो, महादेव एप हो या अन्य कोई मामला. कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इतना ही नहीं ईडी ने भी पूरे साल कांग्रेस को घेरे रखा. एक के बाद एक कांग्रेस नेताओं पर ईडी की कार्रवाई जारी रही. हाल ही में कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा के यहां भी ईडी ने दबिश दी थी.
चुनावों में हार का करना पड़ा सामना : राजनीतिक गलियारों की बात करें तो 2024 कांग्रेस के लिए चुनाव और सदन की नजरिए से कुछ खास नहीं रहा. हर जगह कांग्रेस को मात मिली है. लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2024 आम चुनाव में लोकसभा के 11 में से महज एक सीट पर ही कांग्रेस को कामयाबी मिली. जबकि, 10 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा उपचुनाव में भी कांग्रेस की एक तरफा हार हुई है.
चुनावी दृष्टिकोण से 2024 में कांग्रेस का कोई अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा. लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की करारी हार हुई. इन चुनाव में वोट का अंतर काफी ज्यादा था, जिसे देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि संघर्ष के साथ कांग्रेस हारी है. कांकेर लोकसभा की बात छोड़ दें तो बाकी जगह पर कांग्रेस को करारी हार मिली है : उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
सड़कों पर कांग्रेस का प्रदर्शन जोरदार : सड़कों पर 2024 में कांग्रेस का प्रदर्शन जोरदार जा रहा. यहां कांग्रेस ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सड़कों पर धुआंधार प्रदर्शन किया. चाहे वह बेरोजगारी का मुद्दा हो, बिगड़ती कानून व्यवस्था हो, धान खरीदी का मामला हो या फिर अन्य कोई मुद्दा. सभी मुद्दों को लेकर कांग्रेस का सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन रहा. यहां तक की कांग्रेसियों को रोकने के लिए कई बार पुलिस को भारी बल का इस्तेमाल करना पड़ा. यही वजह है कि सड़कों पर कांग्रेस का प्रदर्शन जोरदार रहा.
सड़क पर प्रदर्शन की बात की जाए तो कांग्रेस का प्रदर्शन धुआंधार रहा. साल भर एक के बाद एक प्रदर्शन देखने को मिले. कानून व्यवस्था की बात हो, लोहंडीगुड़ा का मामला हो, बलौदा बाजार की घटना हो, पूरे छत्तीसगढ़ में व्यापक राजव्यापी प्रदर्शन काफी अच्छा था. सड़क पर कांग्रेस है, इसे नकारा नहीं जा सकता : उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
सदन में पिछड़ी कांग्रेस : वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा ने कहा कि विधानसभा सत्र की बात करें जाए तो सदन में भी कांग्रेस ने कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की. लेकिन सरकार ने उन मुद्दों से आसानी संभाल लिया. लेकिन कांग्रेस की सदन में उपस्थित उस स्तर पर नहीं है, जिस स्तर पर विपक्ष की भूमिका होनी चाहिए.
सदन में कांग्रेस थोड़ा कमजोर नजर आ रही है. जिस तरह से मुद्दों को लेकर सरकार को घेरना चाहिए या फिर उस पर दवाव बनाना चाहिए, वैसा नजर नहीं आ रहा है. भाजपा सरकार को यदि कोई चुनौती दे रहा है तो खुद उनके ही नेता दे रहे हैं : उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
भूपेश ही हैं विपक्ष का चेहरा : उचित शर्मा ने कहा कि यदि कांग्रेस के केंद्र बिंदु की बात की जाए तो वह भूपेश बघेल ही रहे. उनके इर्द-गिर्द ही कांग्रेस की राजनीति घूमती रही. वे ही लगातार दमदारी के साथ सवाल जवाब करते हैं. भाजपा को चुनौती देते आ रहे हैं. संगठन भी वही हैं, नेता प्रतिपक्ष भी वही हैं, पूर्व मुख्यमंत्री भी वही हैं और विपक्ष की मुखर आवाज भी वही हैं.