झालावाड़. जिले के पॉक्सो नंबर 2 के विशिष्ट न्यायाधीश बृजेश पंवार ने रिश्तों की मर्यादा को तार-तार करने वाले मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी सौतेले पिता ने अपनी ही 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. न्यायाधीश ने आरोपी को आजीवन कारावास के साथ 3 लाख रुपए के अर्थ दंड से भी दंडित किया है.
मामले की जानकारी देते हुए पॉक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि डग थाना क्षेत्र में पीड़िता ने अपनी दादी के साथ शिकायत दर्ज करवाई थी जिसमें उसने बताया था कि उसके सौतेले पिता प्रताप सिंह ने रात के अंधेरे में घर के पीछे बने हुए बाडे में ले जाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद से ही वह लगातार तीन से चार महीने से जोर जबरदस्ती से दुष्कर्म कर रहा है. बाद में पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करवा कर मामला दर्ज किया था.
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पीड़िता के सौतेले पिता प्रताप सिंह को 13 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया. अभियोजक ने बताया कि पुलिस के न्यायालय में चालान पेश करने के बाद आरोपी प्रताप सिंह न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है. उन्होंने बताया कि आरोपी डग का हिस्ट्रीशीटर है जो कि पीड़िता की मां को 10 वर्ष पूर्व घर से भगाकर लेकर आया था. वहीं पीड़िता की मानें तो अपने पति से परेशान होकर 5 वर्ष पूर्व आत्महत्या कर ली थी. रामहेतार गुर्जर ने बताया कि उन्होंने राज्य सरकार की ओर से मामले में पैरवी करते अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाह तथा 24 दस्तावेज पेश किए थे. जिनको आधार मानते हुए पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश बृजेश पवार ने नाबालिग बालिका के सौतेले पिता प्रताप सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
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उन्होंने बताया कि आरोपी को 3 लाख रुपए के अर्थ दंड से भी दंडित किया है. वहीं अर्थ दंड की राशि न चुकाए जाने पर 1 वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही न्यायाधीश ने पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 6 लाख की आर्थिक सहायता देने का भी आदेश जारी किया है.