अलीगढ़ :अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के मूसा डाकरी संग्रहालय में यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान ने ऐतिहासिक चीजों का अद्वितीय संग्रह किया था. संग्रहालय में भगवान गौतम बुद्ध की करीब दो हजार साल पुरानी बैठने की मुद्रा की दुर्लभ प्रतिमा रखी है.
मूसा डाकरी संग्रहालय, एएमयू : एएमयू के मूसा डाकरी संग्रहालय में भगवान गौतम बुद्ध की करीब दो हजार साल पुरानी दुर्लभ प्रतिमा आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. संग्रहालय की दुर्लभ चीजें देखकर हर किसी की नजर नहीं हटती. संग्रहालय में शिलालेख, स्तूप, खुदाई में मिले सदियों पुराने बर्तन भी अपना महत्व बयां कर रहे हैं. संग्रहालय में 1-2वीं सदी की गौतम बुद्ध की बैठने की मुद्रा की दुर्लभ प्रतिमा रखी है, जो खंडित है. 11-12वीं सदी का सूर्य, आदमकद बुद्ध प्रतिमा, हाथी और लक्ष्मी की 9-10वीं सदी की खंडित प्रतिमा, 9-10वीं सदी की खंडित प्रतिमा आदि है. इसके अलावा अन्य जीवों के रहन-सहन को भी दिखाया गया है. जैन धर्म और बौद्ध धर्म से जुड़ी हर चीज जो सर सैयद ने अलीगढ़ और अन्य स्थानों पर थी, उसे यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मूसा डाकरी संग्रहालय की सर सैयद गैलरी में रखा है.
सर सैयद अहमद खान : एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान 19वीं सदी के भारतीय मुस्लिम व्यवहारवादी, सुधारक और दार्शनिक थे. सैयद अहमद का जन्म 17 अक्टूबर 1817 को दिल्ली के सैयद परिवार में हुआ था. 28 मार्च 1898 को अलीगढ़ में उनकी मृत्यु हो गई. सर सैयद की शैक्षणिक सेवाओं को तो दुनिया जानती है, लेकिन उनकी शिक्षा से पहले पुरातत्व के क्षेत्र में उनकी सेवाओं पर काम नहीं किया गया, यही कारण है कि आज उनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खान ने शिक्षा से पहले पुरातत्व के क्षेत्र की सेवाओं पर काम किया था. 1847 में सर सैयद ने दिल्ली की ऐतिहासिक इमारतो पर एक किताब लिखी थी, जिसका नाम आसार-उस-सनादीद था जो एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक किताब है.