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Year Ender 2024: राजस्थान में सड़क हादसों का बढ़ता ग्राफ, इस साल 11 हजार से अधिक बुझे 'चिराग' - RAJASTHAN ROAD ACCIDENTS

राजस्थान में साल 2024 में हुए कई सड़क हादसे सुर्खियों में रहे, जिसमें सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवा दी.

राजस्थान में सड़क हादसे
राजस्थान में सड़क हादसे (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 27, 2024, 6:32 AM IST

जयपुर : साल 2024 अपने अंतिम पड़ाव पर है. इस साल शासन-प्रशासन के तमाम दावों और वादों के बावजूद हादसे कई घर के 'चिरागों' को बुझा चुके हैं. पिछले साल तक के आंकड़े ये बताने के लिए काफी हैं कि हादसों पर लगाम लगाने के लिए सरकार के स्तर पर जितने दावे किए गए, वो जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से दिखाई नहीं दिए. कारण यह है कि हर साल हादसों के साथ ही जान गंवाने वाले लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.

इन हादसों में किसी सुहागन की मांग का सिंदूर उजड़ गया तो किसी मां की गोद सूनी हो गई. किसी हादसे ने पति-पत्नी की जान एक साथ लील ली तो किसी हादसे में मां-बेटे की मौत हो गई. दरअसल, राजस्थान में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. ताजा मामला जयपुर के भांकरोटा अग्निकांड है, जिसनें कइयों की जिंदगियां खत्म हो चुकी हैं. सड़क हादसों को रोकने के लिए शासन- प्रशासन के स्तर पर ली जाने वाली मीटिंग और बनने वाले प्लान असर बढ़ते आंकड़ों के आगे खत्म होता दिखाई देता है. इन हादसों ने सिस्टम की नाकामियों को उजागर तो किया, लेकिन सिस्टम ने शायद ही इनसे कोई सबक लिया हो.

राजस्थान में सड़क हादसों का बढ़ता ग्राफ (ETV Bharat Jaipur)

सीएम काफिला भी नहीं सुरक्षित :साल के आखिरी दिनों में राजधानी जयपुर में हुए एक हादसे ने पूरे सिस्टम को हिला दिया. सड़क पर गलत साइड से आ रही एक तेज रफ्तार कार ने सीएम के काफिले की दो गाड़ियों को टक्कर मार दी. रोकने के लिए आगे बढ़े एएसआई सुरेंद्र सिंह गाड़ी की चपेट में आ गए. इस हादसे में सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई, जबकि चार अन्य पुलिसकर्मी सहित छह लोग घायल हुए.

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नाले में गिरी कार, तीन बच्चों की मौत :राजसमंद जिले के आमेट क्षेत्र में चारभुजा जी के पास एक हादसे में तीन स्कूली बच्चों की मौत हो गई. बस अनियंत्रित होकर नाले में गिरने से यह हादसा हुआ था. बस में स्कूल के बच्चे सवार थे. इस हादसे में तीन स्कूली बच्चों की मौत हो गई.

सड़क हादसों में मौत के आंकड़ें (ETV Bharat GFX)

स्लीपर कोच-टेंपो की टक्कर में 12 की मौत :धौलपुर जिले के बाड़ी में 19 अक्टूबर की रात को हुए एक भीषण सड़क हादसे में महिलाओं और बच्चों समेत 12 लोगों की मौत हो गई. यह हादसा तब हुआ जब एक स्लीपर कोच बस ने टेंपो को टक्कर मार दी. हादसे में जान गंवाने वाले सभी टेंपो सवार थे.

पाली में हुए एक दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई. मवेशी को टक्कर मारने के बाद एक कार पेड़ से टकरा गई, जिससे कार सवार चार लोगों की मौत हो गई. हादसे में जान गंवाने वाले चारों लोग एक ही परिवार के थे, जो महाराष्ट्र के कोल्हापुर के रहने वाले थे.

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पुलिया से टकराई बस, 14 की मौत :सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ में 29 अक्टूबर को हुए हादसे में एक तेज रफ्तार बस बेकाबू होकर पुलिया से टकरा गई. इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 30 से ज्यादा लोग इस हादसे में घायल हुए थे.

सड़क हादसों के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

सड़क पर बिखरी बजरी बनी दोस्तों का काल :जयपुर के हरमाड़ा इलाके में 8 नवंबर को हुए एक हादसे में तीन दोस्तों की मौत हो गई थी. दरअसल, न्यू लोहामंडी के पास सड़क पर बिखरी बजरी के कारण बाइक सवार तीन दोस्त फिसलकर गिर गए. इसी दौरान तेज रफ्तार डंपर ने तीनों को अपनी चपेट में ले लिया.

एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत :सिरोही जिले में 24 अक्टूबर को हुए एक हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई. ये सभी एक ही परिवार के थे. ब्यावर-पिंडवाड़ा रोड पर तेज रफ्तार से चल रही कार का टायर फट गया और कार पलट गई. इस हादसे में जान गंवाने वालों में दो महिलाएं और एक बच्ची भी शामिल थी.

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जान गंवाने वाले 24 फीसदी 18 से 25 साल के :राजस्थान में साल 2023 में 24,614 हादसे हुए. इनमें 11,762 लोगों को जान गंवानी पड़ी. हादसे में जान गंवाने वालों में बड़ी तादाद 18 से 25 साल की आयु वर्ग के युवा हैं. साल 2023 में जान गंवाने वालों में 2,780 18 से 25 साल की उम्र के युवा थे. यह कुल मौतों का करीब 24 फीसदी है. इसी तरह, बिना हेलमेट पहने हादसा होने पर मौत की दर 32 फीसदी है, जबकि 17 फीसदी गंभीर रूप से घायल होते हैं.

दोपहिया वाहन चालकों की मृत्यु दर ज्यादा :सड़क हादसों के आंकड़ों की बारीकी से पड़ताल करने पर सामने आया है कि हादसों में जान गंवाने वाले 16 फीसदी पैदल चलने वाले लोग होते हैं, जबकि 46 फीसदी मृतक दुपहिया वाहन सवार होते हैं. इसी तरह जान गंवाने वालों में 18 फीसदी कार-टैक्सी सवार होते हैं. इसी तरह सड़क हादसों में 35 फीसदी मौतें हाईवे पर होती हैं, जबकि 20 फीसदी मौतें स्टेट हाईवे पर होती हैं.

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जागरूकता और तत्काल उपचार जरूरी :सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ नेहा खुल्लर का कहना है कि प्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. साल 2022 में 11,104 मौतें सड़क हादसे में हुईं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 11,762 हो गया. इस साल भी बड़ी संख्या में सड़क हादसे हुए हैं. प्रदेश में सड़क हादसों के प्रमुख कारण खराब रोड इंजीनियरिंग, वाहन इंजीनियरिंग, लोगों में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता की कमी है. इसके अलावा सही समय पर घायलों को अस्पताल नहीं पहुंचा पाना भी मौत के आंकड़े में बढ़ोतरी का बड़ा कारण है.

सरकार के प्रयासों का नहीं दिख रहा असर :उनका कहना है कि सरकार प्रयास कर रही है, लेकिन धरातल पर इन प्रयासों के परिणाम नजर नहीं आ रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता के प्रयासों में तेजी लानी होगी. बड़े हादसों के आंकड़े ग्रामीण सड़कों और ग्रामीण इलाकों से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्गों पर ज्यादा सामने आ रहे हैं. नेहा खुल्लर का मानना है कि हेलमेट का प्रयोग करने और उचित गुणवत्ता के हेलमेट की उपलब्धता पर भी खास तौर पर फोकस करना होगा. शहरी इलाकों में जागरूकता होती है और लोगों के पास जानकारी के माध्यम भी होते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता के साथ ही जानकारी हासिल करने के साधन भी सीमित हैं. इसके साथ ही चिकित्सा सुविधाओं पर ध्यान देना भी जरूरी है.

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