उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तराखंड में कभी भी बज सकता है निकाय चुनाव का बिगुल, ओबीसी आरक्षण अध्यादेश पर मंजूरी का इंतजार - CIVIC ELECTION IN UTTARAKHAND

उत्तराखंड निकाय चुनाव को लेकर आयोग की तैयारी पूरी, शासन से आरक्षण मिलते ही प्रक्रिया हो जाएगी शुरू,जानिए राज्य निर्वाचन आयोग की कैसी है तैयारी?

CIVIC ELECTION IN UTTARAKHAND
उत्तराखंड निकाय चुनाव (फोटो- ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 28, 2024, 5:34 PM IST

Updated : Nov 28, 2024, 7:31 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में नगर निकायों के बाद अब त्रिस्तरीय पंचायत को भी प्रशासकों के हवाले कर दिया गया है. ऐसे में जहां एक ओर 25 दिसंबर तक नगर निकाय चुनाव को करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है तो वहीं दूसरी ओर त्रिस्तरीय पंचायत के लिए 6 महीने का वक्त सरकार को मिल गया है. जबकि, राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से न सिर्फ नगर निकायों की तैयारियां मुकम्मल की जा चुकी हैं. बल्कि, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से संबंधित तैयारी भी जोरों शोरों से चल रही है.

उत्तराखंड में जहां कुछ समय पहले तक नगर निकायों के चुनाव को लेकर चर्चाएं हो रही थी तो वहीं अब हरिद्वार जिले को छोड़ प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नगर निकायों के साथ ही त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है. हालांकि, सरकार पहले ही इस बात पर अपनी स्थिति साफ कर चुकी है कि प्रदेश में नगर निकायों के चुनाव दिसंबर महीने में कराए जाएंगे.

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने दी अहम जानकारियां (वीडियो- ETV Bharat)

ओबीसी आरक्षण संबंधी अध्यादेश पर राजभवन से मंजूरी का इंतजार:इसके बाद से ही शहरी विकास विभाग और राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी तेज कर दी हैं. ऐसे में अब शहरी विकास विभाग को इंतजार है सिर्फ ओबीसी आरक्षण संबंधी अध्यादेश को राजभवन से मंजूरी मिलने की. संभावनाएं जताई जा रही है कि इसी हफ्ते ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश को राजभवन से मंजूरी भी मिल सकती है. जिस पर मंजूरी मिलने के बाद ओबीसी की नियमावली पर निर्णय लिया जाएगा.

ओबीसी की आरक्षण नियमावली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को निर्णय लेना है, जिसके बाद निकाय चुनाव की तरफ सरकार आगे बढ़ेगी. जिसके तहत नियमावली पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुमोदन के बाद आरक्षण को लागू करने की प्रक्रिया डीएम स्तर से शुरू होगी. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव संबंधित अधिसूचना जारी कर देगा.

साल के अंत तक निकाय चुनाव कराने की योजना:फिलहाल, उत्तराखंड सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग इस साल के अंत तक निकाय चुनाव कराए जाने की योजना पर काम कर रहा है, लेकिन अगर इस साल नगर निकाय के चुनाव नहीं हो पाते हैं तो फिर अगले साल निकाय चुनाव कराने में दो से तीन महीने का इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि, अगर इसी साल निकाय चुनाव होते हैं तो मतदाता सूची को दुरुस्त करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

अगले साल चुनाव शिफ्ट होने पर कराने में लगेगा वक्त:अगर चुनाव अगले साल में शिफ्ट हो जाता है तो फिर राज्य निर्वाचन आयोग को 1 जनवरी 2025 के आधार पर मतदाता सूची को दुरुस्त करना होगा. जिसके लिए लगभग एक महीने का वक्त लगेगा तो वहीं फरवरी और मार्च महीने में बोर्ड एग्जाम के चलते चुनाव कराना भी संभव नहीं होगा.

यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि निकाय चुनाव को अगले साल बढ़ाने के बजाय इसी साल दिसंबर महीने के अंत में करा लिया जाए. निकाय चुनाव की तैयारी पर राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने बताया कि प्रदेश में 102 नगर निकाय हैं, जिस पर चुनाव होना है. ऐसे में निकाय चुनाव के लिए वोटर लिस्ट समेत सभी चुनावी तैयारी पूरी की जा चुकी हैं.

अब राज्य निर्वाचन आयोग को सिर्फ शासन स्तर से आरक्षण मिलने का इंतजार है. लिहाजा, जैसे ही शासन से आरक्षण प्राप्त होगा, वैसे ही चुनाव का शेड्यूल तैयार कर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. साथ ही बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग को आरक्षण मिलने के बाद एक हफ्ते के भीतर अधिसूचना जारी करते हुए अगले 25 से 30 दिनों में चुनाव संपन्न करा लिया जाएगा.

उत्तराखंड में परिसीमन के बाद बदले आंकड़े (फोटो- ETV Bharat GFX)

हरिद्वार जिला को छोड़ बाकी 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल लगभग समाप्त:हरिद्वार जिले को छोड़ प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल भी लगभग समाप्त हो चुका है. क्योंकि, ग्राम पंचायत का कार्यकाल27 नवंबर को समाप्त हो चुका है. इसी क्रम में क्षेत्र पंचायतका कार्यकाल 29 नवंबर और जिला पंचायत का कार्यकाल एक दिसंबर को समाप्त हो जाएगा.

हालांकि, त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही पंचायती राज विभाग ने ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत को प्रशासकों के हवाले कर दिया है. जल्द ही जिला पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही जिला पंचायत को भी प्रशासकों के हवाले कर दिया जाएगा. ऐसे में करीब अगले 6 महीने तक त्रिस्तरीय पंचायतों का चुनाव टल गया है.

वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी थी. त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव की तैयारियों के सवाल पर राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतों से संबंधित परिसीमन शासन स्तर से अक्टूबर के पहले हफ्ते में राज्य निर्वाचन आयोग को मिल गया था.

इसके बाद त्रिस्तरीय पंचायतों के मतदाता सूची तैयार करने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी. ऐसे में 17 जनवरी 2025 को त्रिस्तरीय पंचायतों के मतदाता सूची का फाइनल पब्लिकेशन कर दिया जाएगा. लिहाजा, शासन स्तर से आरक्षण की सूची मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ेगा.

उत्तराखंड में 102 नगर निकायों पर होने हैं चुनाव:उत्तराखंड में 102नगर निकायों पर चुनाव होने हैं. इन सभी नगर निकायों में 1,309 वार्डहैं. राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश के नगर निकायों में कुल 30,58,299 मतदाता हैं, जिसमें 15,77,228 पुरुष मतदाता और 14,80,528 महिला मतदाता के साथ ही 543 अन्य मतदाता शामिल हैं. वहीं, निकाय चुनाव के लिए कुल 3,458 मतदान केंद्र हैं.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Nov 28, 2024, 7:31 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details