रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, हंगामे के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने सदन में अपना भाषण दिया. भाषण के दौरान विपक्ष लगातार नारेबाजी करता रहा.
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन जैसे ही सीएम भाषण देने के लिए खड़े हुए विपक्ष जबरदस्त नारेबाजी करने लगा. मुख्य सचेतक बिरंची नारायण वेल में पहुंच कर नारेबाजी करने लगे. विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपना भाषण दिया. विपक्षी दल खासतौर पर बीजेपी के विधायक सरकार द्वारा वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सदन के वेल मे जाकर जमकर नारेबाजी कर रहे थे. इन सबके बीच सदन में सत्तपक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी का माहौल बन गया. विपक्ष के नेताओ ने नेता प्रतिपक्ष को बोलने से रोकने का आरोप लगाते हुए अपना सत्तपक्ष के खिलाफ नारेबाजी जारी रखी.
विपक्ष का हंगामा
दरअसल, विपक्षी दल के नेताओ ने पीछले दो दिनों से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर 2019 विधानसभा चुनाव के वक़्त किए गये वायदों पर सदन में जवाब का दबाव बना रहे थे. उन्होंने लगातार दो दिनों तक सदन के वेल में और बाहर गलियारी रात और दिन धरना भी दिया था. इसी तनातनी के बीच गुरूवार को विधानसभाध्यक्ष ने 18 विपक्ष के नेताओ को शुक्रवार दोपहर दो बजे तक के लिए निलंबित कर दिया था. दो बजे के बाद जब विधायक सदन में पहुंचे तो सरकार पर जवाब न देने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरु कर दिया. विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ने अपना जवाब दिया. उन्होने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष बिना किसी एजेंडे के सरकार पर बेनियाद आरोप लगा रहा है. उन्होंने विपक्षी दलों पर राजनीतिक एजेंट की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई.
'विपक्ष के पास कोई एजेंडा नहीं'
सीएम हेमंत सोरेन ने अपने भाषण में विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि इनके पास कोई एजेंडा नहीं है और ये राजनीतिक एजेंट की तरह काम कर रहे हैं. सीएम ने कहा कि पूर्व की सरकार ने जेएसएलपीएस को 600 करोड़ दिया, जबकि हमारी सरकार ने महिलाओं के लिए जेएसएलपीएस को 10000 करोड़ दिए. वहीं सीएम ने पारा शिक्षक के मानदेय में 50% का इजाफा करने की भी बात कही.