रायपुर : देश के औद्योगिक विकास में योगदान देते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में लदान का नया रिकार्ड बनाने जा रहा है. साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे (SECR) ने केवल 295 दिनों में 200 मिलियन टन लदान के आंकड़े को हासिल किया है.
केवल 295 दिनों में 200 मिलियन टन लदान : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे अपने होनहार रेलकर्मियों के प्रयासों से अपने सर्वाधिक लदान करने वाले जोन में से एक होने के खिताब और परंपरा को बरकरार रखा है. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने अपने मेहनत के बदौलत नए प्रबंधन प्रणाली से वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के 1 अप्रैल 2024 से 20 जनवरी 2025 तक केवल 295 दिनों में 200 मिलियन टन लदान के आंकड़े को पूरा किया है. दक्षिण पूर्ण मध्य रेलवे का माल लदान के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन से उम्मीद की जा रही है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में एसईसीआर जल्द माल लदान में नए कीर्तिमान को हासिल कर लेगा.
सर्वाधिक माल ढुलाई करने वाला रेल मण्डल (ETV Bharat Chhattisgarh)
दपूमरे का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 200 मिलियन टन लदान के आंकड़े को हासिल करने में पिछले वित्तीय वर्षों 2023-24 में 318 दिनों लगाए थे. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 345 दिनों और वित्तीय वर्ष 2021-22 में 348 दिनों में यह उपलब्धि हासिल किया था. भारतीय रेलवे में 65 फीसदी इंक्रीमेंटल लोडिंग की भागीदारी के साथ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
बिलासपुर रेल मण्डल का भी शानदार प्रदर्शन (ETV Bharat Chhattisgarh)
बिलासपुर रेल मण्डल का भी शानदार प्रदर्शन : भारतीय रेलवे में सर्वाधिक माल ढुलाई करने वाले रेल मण्डल के रूप में विख्यात बिलासपुर रेल मण्डल ने भी पिछले वर्ष की तुलना में 32 दिन पहले ही 150 मिलीयन टन माल ढुलाई के आंकड़े को हासिल किया है.
इन सामानों का किया जाता है ट्रांसपोर्ट : 1 अप्रैल 2024 से 20 जनवरी 2025 तक की अवधि में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से लोड किए गए वस्तुओं में कोयला, क्लिंकर, लौह अयस्क, सीमेंट, स्टील, खाद्यान, रासायनिक खाद, खनिज तेल और स्टील कारखानों के लिए कच्चे माल आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं.
विपरीत परिस्थिति में भी किया बेहतर प्रदर्शन : दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में माल लदान बढ़ेत्तरी ऐसे समय में देखने को मिल रहा है, जब इस रेलवे मण्डल में आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिये रेल लाइनों का दोहरीकरण, तीहरीकरण और चौथी लाइन जैसे कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है. इस प्रकार आधार संरचना में अभूतपूर्व प्रगति के साथ साथ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने कोयले और अन्य खनिजों के लदान में भी बढ़ोत्तरी कर देश के साथ ही छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की है. साथ ही स्थानीय लोगों की रोजगारपरक क्रियाओं में वृद्वि करने का योगदान दिया है.
द.पू.म. रेलवे और कोल इंडिया का संयुक्त प्रयास : इस उपलब्धि के पीछे माल लदान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख सहभागी कोल इंडिया के विभिन्न प्रकल्पों और अन्य ग्राहकों के साथ प्रत्येक स्तर पर बेहतर कार्य का भी बड़ा योगदान है. समय समय पर बैठकों के जरिये उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान किया गया है. महाप्रबंधक ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए समस्त रेलकर्मियों के प्रयासों की सराहना की है.