नैनीताल:जिस मां को एक बेटा मृत मान चुका था, वो करीब 26 सालों बाद सकुशल मिली है. मां के मिलने पर बेटा अपने आंसुओं को नहीं रोक पाया. जिसे देख अन्य लोगों के आंखें भी नम हो गई. यह पूरी घटना पिथौरागढ़ की है. जब, साल 1998 में मानसिक अस्वस्थता के कारण अपने घर से निकली बुजुर्ग महिला पिथौरागढ़ में तैनात बाल कल्याण समिति की सदस्य रेखा रानी के प्रयासों से अपने परिजनों से मिल पाई.
साल 1998 में घर से लापता हो गई थी तारा देवी: जानकारी के मुताबिक, नैनीताल के पदमपुरी के रहने वाली तारा देवी साल 1998 में अचानक घर से कहीं चली गई थी. परिजनों के काफी खोजबीन करने के बाद भी उनका कोई सुराग नहीं लगा. इसी बीच साल 2018 में वो पिथौरागढ़ पहुंच गईं. जहां सिल्थाम स्थित सामुदायिक शौचालय के ऊपर रहने लगी. कई सालों तक उनका कुछ अता पता न चलने पर परिजन उन्हें मृत मान चुके थे.
बाल कल्याण समिति की सदस्य रेखा रानी बनी मददगार: वहीं, साल 2022 में मुक्तेश्वर के रहने वाली रेखा रानी को पिथौरागढ़ में बाल कल्याण समिति के सदस्य पद के रूप में तैनाती मिली. इस बीच उन्होंने बुजुर्ग महिला को देखा तो उन्हें वो परिचित जैसी लगीं. उन्होंने महिला से बात करनी चाही, लेकिन मानसिक स्थिति ठीक न होने से महिला के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिल पाई. वो लगातार महिला से बातचीत करती रहीं, लेकिन उन्हें परिजनों के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं मिल सकी.