छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

बस्तर में बन रहा है स्किन फ्रेंडली कलर जय बजरंग, होली में घर लाइए बीट रुट, पालक, गेंदा फूल, पलाश से बने रंग - Skin friendly color made in Bastar

होली के हुड़दंग में रंगों की बहार नहीं हो तो फिर होली का मजा कैसा. हुरियारों की टोली जब अबीर गुलाल उड़ाते निकलती है तो मन होली में शरारत करने के लिए मचल उठता है. बस्तर में इस बार अनोखी होली खेली जाएगी. होली के रंग कुछ ऐसे खास चीजों से बनाए गए हैं जिसे आपने पहली बार देखा और सुना होगा.

Skin friendly color
होली में घर लाइए बीट रुट से बना रंग

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 22, 2024, 7:03 PM IST

Updated : Mar 22, 2024, 9:40 PM IST

होली में घर लाइए बीट रुट से बना रंग

जगदलपुर: बस्तर की धरती सिर्फ बम और बारूद की गंध के लिए नहीं जानी जाती है. बस्तर की जिंदगी होली की मस्ती और खुमारी के लिए भी मशहूर है. बस्तर में इस बार होली को और शानदार बनाने के लिए स्व सहायता समूह की महिलाएं हरी सब्जियों और फूलों से रंग बना रही हैं. रंग और गुलाल बनाने के लिए बीट रूट और पालक का इस्तेमाल किया जा रहा है. फूलों से रंग बनाने के लिए पलाश और गेंदे के फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है. लाल रंग के गुलाल और रंग के लिए बीट रुट के सुर्ख गाढ़े रंग का इस्तेमाल किया जा रहा है. पीले और नारंगी कलर के रंग के लिए पलाश और गेंदे के फूलों इस्तेमाल महिलाएं कर रही हैं. हरे रंग के लिए पालक के पत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

स्किन फ्रेंडली कलर से खिल उठेंगे होली पर आपके चेहरे: हर्बल रंगों से इस बार बस्तर की होली और रंगीन होने वाली है. सब्जियों और फूलों से बने रंग न तो आंखों में जलन पैदा करेंगे नहीं स्किन को रुखा और खराब करेंगे. उल्टे इन हर्बल रंगों से आपके स्किन की चमक और बढ़ जाएगी.

स्व सहायता समूह की महिलाएं बना रहीं हर्बल रंग गुलाल:मार्च का महीना आते ही हर्बल रंग और गुलाल बनाने का काम जगदलपुर की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बनाना शुरु कर दिया. हर्बल होने के चलते इन रंगों की बाजार में काफी डिमांड है. महिलाओं का कहना है कि पिछले तीन सालों से वो हर्बल रंग और गुलाल हर होली पर बनाती हैं. शुरुआत में लोगों की दिलचस्पी इन रंगों में कम होती थी. समय के साथ अब इन हर्बल रंगों की डिमांड इतनी ज्यादा हो गई है को उत्पादन कम पड़ गया है.

अरारोड पाउडर जो आलू और कंद से बनता है उसका हम इस्तेमाल कर रहे हैं. लाल रंग के लिए लाल भाजी और बीट रुट का इस्तेमाल किया जा रहा है. टेसू के फूल और गेंदे के फूल से रंग बनाए जा रहे हैं. हर्बल कलर सिर्फ चार रंगों में ही बनाया जाता है. इस काम से आमदनी भी अच्छी खासी हो जाती है. होली के बाद हम लोग मिठाई बनाने का काम करते हैं - माधुरी देवांगन, स्व सहायता समूह की महिला

स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग दी गई है. इससे महिलाओं को रोजगार तो मिलता ही है उनकी आमदनी भी बढ़ती है. होली के लिए कई विभागों से हर्बल गुलाल का आर्डर मिला था. जितने भी आर्डर मिलते हैं हमारी कोशिश होती है कि वो आर्डर पूरा हो जाए. - सुमन ठाकुर, प्रशिक्षक, स्व. सहायता समूह

होली के रंगों से डरने की नहीं है जरूरत: बस्तर के बाजार में अब हर्बल रंग और गुलाल आ चुके हैं. होली के रंगों से डरने वालों का डर भी इस बार निकल जाएगा. होली के रंगों में जब स्किन फ्रेंडली रंगों का तड़का लगेगा तो लोग इस होली पर कहेंगे वाह क्या बात है. सुनील कश्यप, ईटीवी भारत, जगदलपुर

हर्बल होली: फूल पत्ती, सब्जी-भाजी और फल से बने रंग से रंगीन हुआ बाजार
हर्बल होली: फूल-पत्ती और फल के बने रंग से रंगीन हुआ बाजार
Herbal holi in koriya : कोरिया में मनेगी हर्बल होली, सब्जियों से हर्बल रंग गुलाल
Last Updated : Mar 22, 2024, 9:40 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details