रायपुर: चिटफंड कंपनी का दफ्तर सील होने के बाद कंपनी के लिए काम कर रही महिलाओं ने प्रदर्शन किया. सीएम हाउस के बाहर प्रदर्शन में शामिल महिलाओं का कहना था कि उनको न्याय दिया जाए. जिस चिटफंड कंपनी में वो काम कर रही थी उसके लिए उन लोगों ने बैंक से लोन लिया. कंपनी का काम बंद होने और दफ्तर सील होने के बाद उनकी आय का स्रोत भी बंद हो गया. अब बैंक वाले लोन वसूली के लिए चक्कर काट रहे हैं. पीड़ित महिलाओं का कहना है कि अब वो न्याय मांगने के लिए यहां आए हैं.
लोन माफ करने की मांग: महिलाओं का कहना था कि चिटफंड कंपनी के नाम पर उनसे 30 हजार 300 रुपए लोन के माध्यम से निकलवाए गए. बदले में कंपनी की ओर से उनको कुछ घरेलू सामान दिया गया. महिलाओं की चेन बनाने के लिए 100 भी दिए गए. महिलाओं का कहना है कि रोजगार के लालच में वो चार से पांच आईडी बनाकर संस्था से जुड़ गईं. कुछ वक्त के बाद कोरबा में चल रहा कंपनी का दफ्तर सील कर दिया गया. कंपनी सील होने के बाद 40 हजार महिलाएं एकाएक बेरोजगार हो गईं.
लोन लेकर हम लोग काम कर रहे थे. कंपनी बंद होने के बाद हम बेरोजगार हो गए हैं. हमारा लोन माफ किया जाना चाहिए. :प्रदर्शनकारी महिला
लोन लिया था अब लोन कैसे चुकाएंगे. बैंक वाले लोन चुकता करने के लिए आ रहे हैं. :प्रदर्शनकारी महिला
बैंक वाले लोन भरने की कर रहे मांग: महिलाओं का कहना है कि रोजगार के लिए जो लोन बैंक से लिया था अब बैंक वाले लोन चुकता करने को कह रहे हैं. महिलाओं का कहना कि अब जब कंपनी का दफ्तर सील हो गया तो काम कैसे होगा, लोन कैसे चुकता करेंगे. सीएम आवास पर तैनात अफसरों ने बड़ी मुश्किल से धरना दे रही महिलाओं को समझा बुझाकर वहां से रवाना किया. महिलाओं का कहना था उनका लोन माफ किया जाए.