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नीट की परीक्षा देने के लिए दस-दस लाख में हुआ था सौदा, 50 हजार से एक लाख रुपए तक दिया गया था एडवांस! - NEET UG Exam 2024 - NEET UG EXAM 2024

Six fake candidates arrested in Ranchi. नीट यूजी की परीक्षा में रांची के पांच केंद्रों से छह फर्जी अभ्यार्थी गिरफ्तार किये गये हैं. पुलिस ने इन सभी जो जेल भेज दिया है. ये सभी बिहार और ओडिशा के विभिन्न मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं.

Six fake candidates arrested from five centres in Ranchi in NEET UG exam
ईटीवी भारत ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 6, 2024, 10:59 PM IST

रांचीः राजधानी रांची में नीट (यूजी) की परीक्षा के दौरान शहर के पांच केंद्रों से रविवार को गिरफ्तार छह फर्जी अभ्यार्थियों को सोमवार को पुलिस ने जेल भेज दिया है. जेल जाने वाले सभी अभ्यार्थी बिहार और ओडिशा के विभिन्न मेडिकल कॉलेज के सेकंड ईयर के छात्र हैं. पकड़े गए फर्जी अभ्यार्थियों में बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, ओडिशा के बेहरमपुर जगहों के मेडिकल कॉलेज के छात्र भी हैं.

कौन कौन गया जेल

जेल जाने वाले छात्रों में पीएमसीएच पटना के सेकंड ईयर में पढ़ाई करने वाले आशीष कुमार, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर के सेकंड ईयर के छात्र जैद अहमद, मधुबनी मेडिकल कॉलेज के छात्र सुमित कुमार, सोनू कुमार सिंह और ओड़िसा के बेहरमपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र विकास व जीतेंद्र सैनी शामिल है. विकास और जितेंद्र दोनों राजस्थान के रहने वाले हैं. फर्जी अभ्यार्थियों से हुई पूछताछ में पुलिस को अहम जानकारी मिली है.

पुलिसिया जांच में पता चला है कि नीट की परीक्षा में पास कराने के लिए मेडिकल के छात्रों को पैसा का लालच दिया गया था, परीक्षा दिलाने वाला गिरोह मेडिकल छात्रों से संपर्क किया. इसके बाद प्रत्येक छात्र को नीट की परीक्षा देने के एवज में दस-दस लाख रुपए देने का वादा किया. पकड़े गए विद्यार्थियों को एडवांस के तौर पर 50 हजार से एक लाख रुपए तक दिया गया था. उनसे कहा गया था कि परीक्षा देने के बाद बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. पूछताछ में फर्जी अभ्यार्थियों ने पुलिस को बताया कि वे 4 मई की सुबह रांची पहुंचे थे, उनके रहने और खाने की सारी व्यवस्था गिरोह के लोग ही किए थे.

बिहार, ओडिशा व राजस्थान से जुड़े हैं तार

पुलिस को जांच में पता चला है कि नीट की परीक्षा दिलाने वाले गिरोह का तार बिहार, राजस्थान और ओडिशा से जुड़ा हुआ है. इस गिरोह के सदस्य मेडिकल कॉलेज के वैसे छात्र को चुनते हैं, जो टॉपर होने के साथ आर्थिक रूप से कमजोर भी हैं. उन छात्रों से वे संपर्क कर उन्हें पैसों का लालच देते हैं. जब छात्र परीक्षा देने के लिए तैयार हो जाते हैं, तब उन्हें एडवांस की राशि दी जाती है.

फर्जी अभ्यार्थियों ने स्वीकार किया जुर्म

बरियातू पुलिस की ओर से गिरफ्तार फर्जी अभ्यार्थी आशीष कुमार ने बताया कि वह बिहार के सिवान के रहने वाले प्रियांशु के नीट का परीक्षा दे रहा थे. उसने बताया कि प्रियांशु का भाई सुधांशु उसके साथ पीएमसीएच में पढ़ाई करता है, उसने आश्वासन दिया था कि वह उसके भाई की परीक्षा दे इस एवज में उसे दस लाख रुपए वह देगा. वहीं कैंब्रियन स्कूल से गिरफ्तार जैद अहमद ने बताया कि वह मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच का छात्र है. पश्चिम बंगाल निवासी रूद्रनील की जगह पर वह परीक्षा देने के लिए केंद्र में गए थे. इस एवज में उन्हें दस लाख रुपए देने का आश्वासन दिया गया था. ओडिशा के बेहरमपुर मेडिकल कॉलेज के छात्र विकास और जीतेंद्र ने बताया कि वह ओडिशा बेहरमपुर निवासी अमिष पानीग्रही और विवेकानंद महापात्रा की जगह डीपीएस में परीक्षा देने के लिए गए थे, उन्हें दस-दस लाख रुपए देने का आश्वासन दिया गया था.

ऐसे पकड़े गए फर्जी अभ्यार्थी

देशभर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के रविवार को नीट परीक्षा आयोजित हुई थी. परीक्षा के दौरान रांची के पांच केंद्रों से छह फर्जी अभ्यर्थियों को पकड़ा गया. परीक्षा शुरू होने से पहले जब परीक्षार्थियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति बनाई जा रही थी, तब पांच अभ्यर्थियों का डाटा मैच नहीं हुआ. इसके बाद जब दस्तावेजों की जांच की गई तो फर्जी परीक्षार्थी के रूप में उन्हें पकड़ा गया. बायोमैट्रिक उपस्थिति भी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य था.

एनटीए से मिली जानकारी के बाद जब अभ्यर्थियों की सेंटरों में जांच हुई तो डाटा मैच नहीं हुआ, दोबारा अभ्यर्थियों के आधार कार्ड की जांच की गई. जब आधार कार्ड भी गलत पाया गया तब मामले की जानकारी थाना को दी गई. इस मामले में डीएवी धुर्वा, डीपीएस, सरला-बिरला, कैम्ब्रियन स्कूल कांके रोड और डीएवी बरियातू के प्राचार्य ने विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज करायी है.

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