सिवान :बिहार में लोकसभा चुनाव के छठे फेज के तहत बिहार की जिन 8 सीटों पर मतदान हुआ उनमें सिवान लोकसभा सीट बेहद खास है. इस सीट से पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. उनके सामने जेडीयू से विजयलक्ष्मी कुशवाहा और आरजेडी से अवध बिहारी चौधरी मैदान में हैं.
हेना की दावेदारी से सब परेशान :सिवान लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला बेहद ही दिलचस्प है. 2024 में यहां से दिवंगत शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. हेना ने चुनाव मैदान में आकर सिवान से NDA और महागठबंधन दोनों का समीकरण बिगाड़ दिया है. राजद ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया. वहीं जदयू ने अपने सिटिंग सांसद कविता सिंह का टिकट काटकर विजयलक्ष्मी कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है.
क्या कहता है एग्जिट पोल? :तमाम एग्जिट पोल में सिवान में त्रिकोणात्मक संघर्ष होता दिखाया गया है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला जदयू की विजयलक्ष्मी कुशवाहा का निर्दलीय हेना शहाब से होता दिख रहा है. वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि सिवान लोकसभा क्षेत्र की लड़ाई बहुत ही दिलचस्प है. लालू प्रसाद यादव हेना सहाब को चुनाव लड़ने के लिए नहीं मना पाए. यही कारण है कि अवध बिहारी चौधरी को राजद ने अपना प्रत्याशी बनाया. सिवान में राजद का जो परंपरागत वोट बैंक है उसमें भी टूट होता हुआ दिख रहा है. जिस कारण लड़ाई में जदयू की विजयलक्ष्मी और निर्दलीय हेना सहाब के बीच में होता दिख रहा है.
''शहाबुद्दीन के बारे में सभी को पता है कि वह नक्सलियों के खिलाफ सवर्ण की लड़ाई लड़ते थे. जिसका राजनीतिक फायदा भी उनको मिलता था. यही कारण है कि हेना साहब को कुछ सवर्ण वर्ग का भी वोट मिला है. दूसरी तरफ जेडीयू ने अपना प्रत्याशी बदला. जेडीयू प्रत्याशी का बैकग्राउंड माले का रहा है. यही कारण है कि शुरू में उनके प्रति सवर्ण में नाराजगी है. लेकिन बाद में धीरे-धीरे मोदी के कारण उनके प्रति वोटरों का झुकाव होता गया. 2024 लोकसभा चुनाव में पलड़ा जदयू प्रत्याशी का भारी है.''- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार