सीतापुर:कांग्रेस सांसद राकेश राठौर की अंतरिम जमानत को लेकर गुरुवार को फिर से सुनवाई हुई. एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस सुनी. इसके बाद याचिका को खारिज कर दिया. देर शाम एडीजे दिनेश नागर ने अपना फैसला सुनाया.
सांसद पक्ष के अधिवक्ता अरविंद मसलदान ने तर्क दिया था कि एफआईआर में घटना का दिन नहीं लिखा गया है. साथ ही जो उम्र दर्ज है, वह भी ठीक नहीं है. उन्होंने बताया कि दुष्कर्म के मामले में अंतरिम जमानत मिल सकती है. इसलिए उनके मुवक्किल को राहत मिलनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को जमानत नहीं मिलती है, उसमें सांसद नहीं आते है. वहीं पीड़िता पक्ष के अधिवक्ता शैलेंद्र मिश्र बडकऊ ने कहा कि एमपी का पद जिसकी सहमति से संविधान तक में हस्तक्षेप हो सकता है. ऐसे मामले में उनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए. सांसद के बेटे और उनके साथियों ने सुलह किए जाने का दबाव बनाते हुए सोशल मीडिया पर पीड़िता व उसके परिवार को बदनाम करने का प्रयास किया है. इसको लेकर केस भी दर्ज हुआ है. ऐसे में कांग्रेस सांसद को जमानत नहीं मिलनी चाहिए.