कोरिया : छ्त्तीसगढ़ के कोरिया जिले से आने वाले गायक ओम अग्रहरि ने 6 साल की उम्र में संगीत की दुनिया में कदम रखा. अपने हुनर और संगीत के प्रति जुनून के चलते कुछ साल पहले ओम अग्रहरि को राज्योत्सव में पहली बार प्रस्तुति देने का अवसर मिला. फिर समय के साथ ओम अग्रहरि के संगीत का सफर और भी शानदार होता गया.
मॉरीशस में लोगों का जीता दिल : हाल ही में सिंगर ओम अग्रहरि ने अपनी कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया. ओम अग्रहरि ने बताया कि अक्टूबर महीने में दिवाली सेलिब्रेशन के मौके पर उन्हें मॉरीशस में शो करने का अवसर मिला. उन्होंने हिंदू समुदाय के साथ अपनी प्रस्तुति दी और सभी का दिल जीत लिया. इस प्रकार यह गायक न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि भारत से बाहर भी अपनी पहचान बना रहे हैं. उनकी इस यात्रा ने साबित किया है कि लगन और मेहनत से बड़े से बड़ा सपना भी सच हो सकता है.
गायक ओम अग्रहरि के सफलता की कहानी (ETV Bharat)
छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर जिला के राज्योत्सव में मैंने अपना पहला गाना गाया. फिर मैंने लोकल शो में परफार्म किया. फिर कुछ साल पहले मैनपाट महोत्सव में प्रस्तुति दिया. सुंदरानी के चैनल पर भी गाने का मौका मिला. मैंने काफी छत्तीसगढ़ी गीत गाए और कुछ लिखा भी है. फिर मैंने अपना यूट्यूब चैनल भी बनाया. उसमें काफी ग्रोथ मिला तो काफी गाने अपलोड किए. मुझे यूट्यूब की ओर से सिल्वर प्ले बटन मिला है. : ओम अग्रहरि, सिंगर
राज्योत्सव में बिखेरा अपनी आवाज का जादू : कुछ साल पहले गायक ओम अग्रहरि ने "राज्योत्सव" जैसे बड़े इवेंट में अपनी आवाज का जादू बिखेरा. जिसके बाद ओम ने एक के बाद एक कई स्थानीय शो किए और धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ी संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाई. छत्तीसगढ़ी गीतों को लोकप्रिय बनाने में उनका भी योगदान रहा है. उन्हें सुंदरानी के चैनल पर छत्तीसगढ़ी गीत गाने का मौका मिला, जिससे ओम की आवाज और भी अधिक लोगों तक पहुंची.
कई राज्यों में मिला शो करने का मौका : अपनी मेहनत और लगन के दम पर ओम अग्रहरि ने यूट्यूब पर खुद का चैनल शुरू किया. इसमें ओम ने अपने गाए कई गीतों को अपलोड किया. फिर ऐसा समय आया कि यूट्यूब चैनल की बढ़ती लोकप्रियता के चलते उन्हें कोलकाता और झारखंड जैसे शहरों में भी शो करने का मौका मिला. इसके अलावा उड़ीसा में भी ओम ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में मैंने परफार्म किया.