कानपुर : देश भर में कानपुर शहर को औद्योगिक नगरी के नाम से जाना जाता है लेकिन इस औद्योगिक नगरी में कई ऐसे ऐतिहासिक और सुप्रसिद्ध शिव मंदिर भी हैं. यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है. इन्हीं में से एक है जाजमऊ स्तिथ बाबा सिद्धनाथ का ऐतिहासिक मंदिर जो कि गंगा तट के किनारे स्थित है. बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और महापौर प्रमिला पांडे वैदिक मंत्रों के साथ पूजा अर्चना कर सिद्धनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण हुआ.
शहर के जाजमऊ स्थित मां गंगा के पावन तट पर स्थित सिद्धनाथ धाम को द्वितीय काशी के नाम से भी जाना जाता है. बाबा भोलेनाथ के शिवालय को लेकर कई मान्यताएं हैं. एक मान्यता के अनुसार इस मंदिर का इतिहास त्रेतायुग से जुड़ा हुआ है. राजा ययाति द्वारा करायी गई खोदाई में सिद्धनाथ मंदिर की शिवलिंग मिली थी. लोग बताते हैं कि प्राचीन काल में यहां लगातार 100 यज्ञ पूरे होने के बाद, इस स्थल को काशी का दर्जा मिल जाता. लेकिन 99 यज्ञ पूरे होने के चलते एक कौवे ने हवन कुंड में हड्डी डाल दी थी.
द्वितीय काशी के रूप में जाना जाता है यह स्थल :बाबा के पवित्र स्थल को द्वितीय काशी के रूप में जाना जाता है. नगर निगम द्वारा बाबा के इस सुप्रसिद्ध स्थल को कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है. बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना महापौर प्रमिला पांडे बाल योगी अरुण पुरी महाराज ने बाबा सिद्धनाथ की पूजा अर्चना कर कॉरिडोर का लोकार्पण किया. इस दौरान पूरा मंदिर प्रांगण हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा.