भिलाई में सी मार्ट और मदर्स मार्केट का शटर डाउन, कांग्रेस बोली बीजेपी नहीं दिखा रही दिलचस्पी - BHILAI NIGAM NEWS - BHILAI NIGAM NEWS
Shutter down of C Mart छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने महिलाओं को स्वरोजगार देने के इरादे से हर जिले में सी मार्ट खोले थे.जिनमें महिलाएं खुद के तैयार किए गए उत्पादों को बेचती थीं. लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े सी मार्ट और मदर्स मार्केट का हाल इन दिनों बुरा है.इसके लिए मौजूदा सरकार को कांग्रेस दोषी मान रही है.
भिलाई में सी मार्ट और मदर्स मार्केट का शटर डाउन (ETV Bharat Chhattisgarh)
भिलाई : कांग्रेस शासन काल में खोले गए सी मार्ट के तारे इन दिनों गर्दिश में हैं. महिला स्वरोजगार के लिए खोले गए ये केंद्र अब बदहाल होने लगे हैं.बात यदि स्टील सिटी भिलाई की करें तो यहां पर सी मार्ट और मदर्स मार्केट एक साथ खोले गए थे. जिसमें अब ताला लटक रहा है. वहीं मदर्स मार्केट में महिला स्व सहायता समूह का कब्जा है लेकिन दूसरी दुकानें बंद हैं.
भिलाई में सी मार्ट और मदर्स मार्केट का शटर डाउन (ETV Bharat Chhattisgarh)
ईटीवी भारत ने की पड़ताल :ईटीवी भारत भिलाई के पावर हाउस स्थित सी-मार्ट और मदर्स मार्केट का हाल जानने पहुंची. वहां जाकर देखने पर पता चला कि सी-मार्ट के गेट में ताला लटका है. अंदर झांककर देखा गया तो सारा सामान ले जाया जा चुका था.सिर्फ खाली अलमारी और फर्नीचर ही सी मार्ट के अंदर मौजूद थे.सी मार्ट परिसर की सारी दुकानों का भी यही हाल है.यहां की ज्यादातर दुकानों में ताला लटके हैं. भिलाई नगर निगम का टैक्स वसूल करने वाली एजेंसी ने अपना ऑफिस सी मार्ट के परिसर में खोल रखा है. एक दुकान में धनवंतरि मेडिकल स्टोर खुला था. वहीं दो दुकानों में महिलाएं सफाई करने के लिए पहुंची थीं. बाकी की दुकानों में ताला लगा था और उनके सामने इतना कचरा और धूल पड़ी थी, जिससे साफ दिख रहा था कि उन दुकानों का ताला महीनों से नहीं खोला गया है।
दो महीने में ही चली गई रौनक :यहां पर दुकानदारी कर रहीं एक महिला सुनीता थाठे के मुताबिक वो मिक्चर और पापड़ बनाकर बेचती हैं. शुरूआत में यहां कस्टमर आएं, लेकिन अब कोई नहीं आता है. इसलिए सिर्फ साफ सफाई करने के लिए ही दुकान खोलने आते हैं. बाकी काम घर से करते हैं. वहीं सुनील चंद्र शर्मा के मुताबिक यहां उद्घाटन के बाद महीने दो महीने ही दुकान चली. इसके बाद ग्राहक आना बंद हो गए. सी-मार्ट की बात करें तो वो दो बार खुला और फिर बंद हो गया.
''अभी यहां की स्थिति ये है कि सारी दुकानें बंद हैं. सभी लोग सिर्फ कब्जा दिखाने के लिए दुकान खोलने आते हैं. यहां चोरों और नशेड़ियों का जमावड़ा हो गया है. कुछ दिन पहले ही यहां एसी चोरी हुई और मोबाइल लूटा गया था. पुलिस ने यहां चोरों को पकड़ा है.''- सुनील चंद्र,दुकानदार
बीजेपी ने कांग्रेस को बताया जिम्मेदार :वहीं भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा के मुताबिक पूर्व की कांग्रेस सरकार ने सी मार्ट में महिलाओं को स्व रोजगार देने का दावा किया था.जिसके लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए. लेकिन आज सी-मार्ट और महिला समृद्धि बाजार में ताला लटका है. यहां किसी भी महिला को पजेशन नहीं दिया गया.
''जनता का पैसा बर्बाद किया गया है. सी-मार्ट या मदर्स मार्केट नहीं बल्कि कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की चुनाव की मार्केट थी. कार्यकर्ता इकट्ठा करने के लिए 5 हजार महिलाओं को स्वरोजगार का सपना दिखाया गया. पूरा प्रांगण शराबियों और नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है.''- भोजराज सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष भिलाई निगम
वहीं भिलाई नगर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र अरोरा का कहना है कि विधानसभा चुनाव के दौरान भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को कार्यकर्ता बनाना था. महिलाओं को जोड़ना था. इसलिए दावा किया कि 5 हजार महिलाओं को रोजगार मिलेगा. आज हकीकत ये है कि एक भी महिला समूह को दुकान एलाट करने का एक कागज तक नहीं दिया गया है.मदर्स मार्केट में लगभग दो करोड़ और इतना ही सी-मार्ट में लगा.वहीं इस पूरे मामले में भिलाई के महापौर नीरज पाल का कहना है कि मदर्स मार्केट और सी मार्ट की ओर मौजूदा सरकार ने ध्यान नहीं दिया.इसी वजह से आज स्थिति दयनीय हो गई.
''छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही सी मार्ट और मदर्स मार्केट की ओर ध्यान देना बंद कर दिया गया.सी मार्ट को लेकर मौजूदा सरकार ने किसी तरह की कोई प्लानिंग नहीं की है.इसी वजह से सी मार्ट और मदर्स मार्केट योजना का बुरा हाल है.''- नीरज पाल, महापौर
कब खुला था सी मार्ट :आपको बता दें कि भिलाई में प्रदेश का सबसे बड़ा सी-मार्ट और मदर्स मार्केट का निर्माण किया गया था. इसका उद्घाटन दो साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद अपने हाथों से किया था. इस दौरान उनके साथ नगरीय निकाय मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और परिवहन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर भी मौजूद थे. पावर हाऊस स्थित मदर्स मार्केट और सी मार्ट के शुरू होने से जिले की 35 हजार से अधिक महिलाओं को स्वरोजगार मिलने का दावा किया गया था. ये सभी महिलाएं स्व सहायता समूह से जुड़ी हैं. इस समूहों को मदर्स मार्केट की 21 दुकानों को लॉटरी के माध्यम से आबंटित किया गया था. जिससे वो यहां अपने यहां निर्मित सामानों की बिक्री कर सकें. पावर हाउस में बनाया गया मदर्स मार्केट के ठीक बगल से प्रदेश का सबसे बड़ा सी मार्ट भी बनाया गया था. यहां महिलाओं की मदद से तैयार किए जाने वाले उत्पादों को एक बेहतर प्लेटफार्म देने की योजना थी. जिसके तहत एक बड़े बिग शॉपिंग मॉल की तरह इसे तैयार किया गया है. यहां छत्तीगसढ़ की पारंपरिक चीजों के साथ वनोपज, औषधी भी बेची जानी थी, लेकिन आज यहां ताला लगाकर संचालक पूरा सामान ले जा चुका है.