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दो फाड़ में बंटे अखाड़ा परिषद के एक होने की जगी उम्मीद, बड़ा उदासीन ने रवींद्र पुरी को दिया समर्थन - Haridwar Akhara Parishad Dispute

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 1, 2024, 12:59 PM IST

Updated : Sep 1, 2024, 3:26 PM IST

Akhil Bharatiya Akhara Parishad Controversy आखिरकार अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में गुटबाजी खत्म होने की उम्मीद जग गई है. अभी तक अखाड़ा दो धड़ों में बंटा हुआ था. अखाड़े का दो फाड़ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी के ब्रह्मलीन होने के बाद से शुरू हुआ था. जो अब सुलझता नजर आ रहा है. इसी कड़ी में श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन अखाड़ा ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी को अपना समर्थन दिया है.

Akhil Bharatiya Akhara Parishad
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का समर्थन (फोटो- ETV Bharat)

अखाड़ा परिषद में गुटबाजी खत्म होने की उम्मीद (वीडियो- ETV Bharat)

हरिद्वार:अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में लंबे समय से चला आ रहा विवाद और गुटबाजी अब थमता नजर आ रहा है. अब प्रयागराज कुंभ 2025 से पहले अखाड़ा परिषद के दोनों धड़ों के एक होने की संभावना प्रबल हो गई है. इसी कड़ी में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी और महामंत्री महंत हरि गिरी को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के पंच परमेश्वर भ्रमणशील मंडल (जमात) ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है. जिससे उम्मीद जग गई है कि साल 2025 का महाकुंभ प्रयागराज मेला अखाड़ा परिषद संपन्न कराएगा.

दरअसल, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्माण के पंच परमेश्वर भ्रमणशील मंडल जमात के महंत महेश्वर दास, मुखिया महंत दुर्गादास, मुखिया महंत अद्वैतानंद और सर्व निर्माण मंडल की ओर से अखाड़ा परिषद के दोनों पदाधिकारियों को एक पत्र सौंपा गया है. जिसमें कहा गया है कि 2025 कुंभ मेला प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) के सकुशल संपन्न कराने के लिए अखाड़े का पूरा समर्थन दिया जाता है. साथ ही संत पंच परमेश्वर की ओर से पूरा समर्थन करते हैं. उम्मीद है कि अखाड़ा परिषद की बैठक जल्द बुलाई जाएगी.

महंत नरेंद्र गिरी के ब्रह्मलीन होने के बाद अखाड़े का हो गया था दो फाड़: बता दें कि 13 अखाड़ों को मिलाकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का गठन होता है. अखाड़ा परिषद कुंभ मेलों के आयोजन कराने के लिए काम करता है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी के ब्रह्मलीन होने के बाद से अखाड़े का दो फाड़ हो गया था.

एक धड़े के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी (निरंजनी अखाड़ा) और महंत महामंत्री हरि गिरी महाराज हैं. जबकि, दूसरे धड़े के अध्यक्ष रविंद्र पुरी (महानिर्वाणी अखाड़ा) और महामंत्री महंत राजेंद्र दास हैं. दोनों ही धड़ों की ओर से बहुमत होने का दावा किया जाता रहा है.

क्या बोले अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी:वहीं, समर्थन मिलने के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि भगवान की इच्छा है कि हम सभी अखाड़े एक हो जाएं और अब यह आठ अखाड़े एक हो गए हैं. आने वाले दो-तीन दिन के भीतर सभी एक हो जाएंगे. आज बड़े अखाड़े की ओर से पहल हो गई है.

सभी एक जुट होकर प्रयागराज कुंभ मेला को दिव्य और भव्य बनाएंगे. उन्होंने बताया कि उनके साथ जूना अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, नया अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा है. इसके अलावा बड़ा अखाड़ा भी है, उनके पंच परमेश्वर ने भी समर्थन दिया है.

स्वामी गोविंद दास ने समर्थन के लिए महंत रवींद्र पुरी का किया स्वागत: वहीं, पंचायती श्री अखाड़ा बड़ा उदासीन के स्वामी गोविंद दास का कहना है कि पंचायती श्री बड़ा उदासीन अखाड़ा के पंच परमेश्वर के सभी महंतों की ओर से ये सूचना मिली कि महंत रवींद्र पुरी ने मनसा देवी को समर्थन दिया गया है. अखाड़ा परिषद के संबंध उनका स्वागत करते हैं.

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Last Updated : Sep 1, 2024, 3:26 PM IST

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