प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित कटरा केशव देव के नाम दर्ज जमीन से शाही ईदगाह का अवैध कब्जा हटाकर भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपने सहित अन्य मांगों को लेकर विचाराधीन दीवानी मुकदमों की सुनवाई अब गुरुवार चार अप्रैल को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव व अन्य सहित 18 दीवानी मुकदमों की सुनवाई करते हुए दिया है.
सोमवार को सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड की ओर से सीपीसी के आदेश सात नियम 11 के तहत दीवानी मुकदमे की पोषणीयता पर आपत्ति करते हुए सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से बहस की. उन्होंने कहा कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत किसी भी धार्मिक स्थल की 15 अगस्त 1947 की प्रकृति में बदलाव नहीं किया जा सकता. अदालत को इस मुद्दे को लेकर कोई मुकदमा सुनने का अधिकार नहीं है. इसलिए ये दीवानी मुकदमे निरस्त किए जाएं.
उन्होंने अपनी बहस में यह भी कहा कि शाही ईदगाह वक्फ संपत्ति है, जिसे लेकर दीवानी अदालत को विवाद की सुनवाई का अधिकार नहीं है. जन्मभूमि पक्ष से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए अतिरिक्त आपत्तियां दाख़िल की. उन्होंने ऐसा करने को लेकर अपने तर्क भी दिए. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के वकील को इस पर अपनी आपत्ति प्रस्तुत करने का समय दिया है. मूल वादकारियों की ओर से कहा गया कि सिविल वाद के साथ जो पेन ड्राइव दाख़िल की गई है, वह विपक्षी वकीलों को उपलब्ध कराईं गई पेन ड्राइव से अलग है. इस पर एमिकस क्यूरी मनीष गोयल ने सुझाव दिया कि पेन ड्राइव # कोड एल्गो एल्गोरिथम के साथ दाख़िल की जाए. कोर्ट ने कहा कि पेन ड्राइव का एक सेट # कोड एल्गो एल्गोरिथम के साथ अगली सुनवाई पर विपक्षी वकीलों को उपलब्ध कराया जाए. कोर्ट ने अगली सुनवाई चार अप्रैल को विपक्षी अधिवक्ता मूल वाद संख्या 15 पर जवाब दाख़िल करने का निर्देश दिया है.
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