मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

शिवपुरी के सहकारी बैंक में 100 करोड़ के घोटाले की 'आग'!,50 साल पुराना रिकॉर्ड जला - Shivpuri Cooperative Bank Fire

आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है लेकिन बैंक की कोलारस शाखा में 100 करोड़ के गबन का मामला सामने आया था.

SHIVPURI COOPERATIVE BANK FIRE
शिवपुरी के सहकारी बैंक के रिकॉर्ड रूम में लगी आग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 6, 2024, 6:12 PM IST

शिवपुरी: शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत सब्जी मंडी के पास स्थित जिला सहकारी बैंक के स्टोर रूम में रविवार को अचानक भीषण आग लग गई. जिससे स्टोर रूम में रखा पुराना फर्नीचर और करीब 50 साल पुराना रिकार्ड जलकर राख हो गया. यह आग कैसे लगी फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है. मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

सहकारी बैंक के स्टोर रूम में लगी आग

जिला सहकारी बैंक के प्रभारी कार्यालय अधीक्षक वीरेंद्र पाराशर ने बताया कि "रविवार की सुबह करीब 7:30 बजे मुझे कार्यालय के प्यून ने फोन कर बताया कि बैंक के स्टोर रूम में आग लग गई है. मैं तुरंत मौके पर पहुंचा और घटना की सूचना फायर ब्रिगेड और पुलिस प्रशासन को दी. इसके बाद मौके पर पहुंची दमकल के वाहनों ने आग पर काबू पाया लेकिन तब तक स्टोर रूम में रखा फर्नीचर और 50 साल पुराना रिकार्ड जलकर राख हो गया था. आग कैसे लगी फिलहाल इसका पता नहीं चल सका है."

शिवपुरी के जिला सहकारी बैंक में लगी आग (ETV Bharat)

'आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं'

शिवपुरी एसडीएम उमेश कौरव का कहना है कि बैंक में आग किन कारणों से लगी इसका पता फिलहाल नहीं लग सका है. कोतवाली थाना पुलिस की एक टीम आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है. जिससे घटना के असल करणों का पता लगाया जा सके. इधर बैंक के प्रभारी अधीक्षक ने पुलिस में आग लगने की घटना की जानकारी दी है. पूरे मामले की जांच की जा रही है."

ये भी पढ़ें:

शिवपुरी सहकारी बैंक घोटालाः मास्टर माइंड कैशियर राजेश पाराशर सहित 3 गिरफ्तार

अधिकारियों ने ही किया सहकारी बैंक में 80 करोड़ का घोटाला, सुनिए किसानों की आपबीती कैसे बने शिकार

सहकारी बैंक में हुआ था 100 करोड़ का घोटाला

शिवपुरी जिला सहकारी बैंक की कोलारस शाखा में वर्ष 2021 में लगभग 100 करोड़ के गबन का मामला सामने आया था. बैंक में काम करने वाले भृत्य राकेश पाराशर को वर्ष 2013 में कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए भृत्य से कैशियर बनाया गया था. ऐसा आरोप है कि 2013 से 2021 तक कैशियर राकेश पाराशर ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर 100 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया था. फिलहाल सभी आरोपियों पर न्यायालय में मामला लंबित है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details