सागर: आने वाले साल के स्वागत और जाने वाले साल की विदाई का जश्न मनाने के लिए लोग तरह-तरह की प्लानिंग कर रहे हैं. कोई किसी धार्मिक स्थान पर जाकर साल के पहले दिन की शुरूआत करने के लिए प्लानिंग कर रहा है, तो कोई नेचर और वाइल्डलाइफ के बीच जाकर नए साल के स्वागत की तैयारी कर रहा है. ऐसे में बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर के आसपास कई ऐसे डेस्टिनेशन हैं, जहां पर आप अपनी तलाश को पूरा कर सकते हैं.
यहां भरपूर प्राकृतिक सौंदर्य के बीच प्राचीन धार्मिक स्थल हैं, तो बाघों की दहाड़ के साथ प्रकृति के शानदार नजारे हैं. अगर आप सागर में नया साल मनाने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं, तो इन जगहों पर जा सकते हैं.
रानगिर का हरसिद्धि मंदिर
रहली विकासखंड में रानगिर गांव में एक पहाड़ी पर स्थित मां हरसिद्धि का प्राचीन मंदिर है. ये काफी सिद्ध स्थान है और एमपी और यूपी के बुंदेलखंड में काफी प्रसिद्ध है. यहां पर मां हरसिद्धि के मंदिर के अलावा मंदिर के नजदीक से निकलने वाली देहार नदी भी चट्टानों को काटकर आगे बढ़ती नजर आती है. जहां पर केबिल ब्रिज बनाया जा रहा है. ये स्थान धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्रकृिति की खूबसूरती का एहसास करने में बहुत अच्छा है. एक बेहतर पिकनिक स्पाॅट के तौर पर भी आप यहां आनंद ले सकते हैं.
राहतगढ़ का बनेनी घाट
सागर भोपाल मार्ग पर राहतगढ़ किले के पास बनेनी घाट पर भगवान विश्वनाथ का मंदिर है, जो बीना नदी के किनारे बना हुआ है. इस प्राचीन मंदिर में लोगों की बहुत आस्था है. ये भी एक ऐसा स्थान है, जहां आप धार्मिक आस्था के साथ प्राकृतिक सौंदर्य के बीच नए साल का स्वागत कर सकते हैं.
वाइल्ड लाइफ
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व के रूप में आकार ले रहे नौरादेही टाइगर रिजर्व में बाघों के दीदार के साथ सर्दी के मौसम में विदेशी पक्षियों की आवाजाही
खासकर गिद्ध और दूसरे पक्षी आकर्षण का केंद्र होते हैं. यहां प्रकृति के अद्भुत नजारे देखने के लिए एक से बढ़कर एक साइ़ट है.
ऐसिहासिक स्थान
जिन लोगों की ऐसे स्थानों में रूचि है, जो इतिहास को नजदीक से जानना चाहते हैं, तो बीना के पास एरण गुप्त काल का ऐतिहासिक नगर है. जो बीना नदी के किनारे स्थित है. यहां करीब 2 हजार साल पुराने गुप्त काल के अवशेष हैं. जिनमें विष्णु भगवान की प्रतिमाएं, वराह की विशाल मूर्ति और कई ऐतिहासिक स्थान हैं.
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आबचंद की गुफाएं
सागर जबलपुर मार्ग पर स्थित आबचंद गांव से बहने वाली गधेरी नदी के किनारों पर बनी गुफाएं और कंदराओं में आदिमानव के बनाए 9 हजार साल पुराने शैलचित्र आकर्षण का केंद्र हैं. यहां प्राकृतिक नजारे भी आपका मन मोह लेंगे.