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कमजोर हाथ से चौके छक्के जड़ते हैं चंबल के योगेन्द्र, श्रीलंका टूर्नामेंट में दिखायेंगे दम - GWALIOR YOGENDRA IN CRICKET TEAM

ग्वालियर के दिव्यांग योगेन्द्र भदौरिया क्रिकेट में अपना लोहा मनवा रहे हैं. कोलंबो में होने वाले इंटरनेशनल डिसेबल चैंपियनशिप में दिखाएंगे हुनर.

INDIAN DISABLED CRICKET TEAM
श्रीलंका टूर्नामेंट में दिखायेंगे दम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 30, 2024, 10:51 PM IST

ग्वालियर: बीहड़ और बंदूकों वाले चंबल से अब खिलाड़ी निकल रहे हैं, जो अपने हुनर से क्षेत्र का नाम रौशन कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के भिंड के बीहड़ी गांव भदाकुर से निकले योगेंद्र भदौरिया का भारतीय डिसेबल क्रिकेट टीम में चयन हुआ है. वे श्रीलंका में आयोजित होने वाली चैंपियनशिप में दम दिखाएंगे. बता दें कि बचपन से ही योगेन्द्र का एक हाथ दूसरे से छोटा है. जिसकी वजह से उनका हाथ ज्यादा मुड़ नहीं सकता है. किसने सोचा था कि उसी हाथ के दम पर योगेंद्र एक दिन भारतीय टीम के ओपनिंग बैट्समैन बनेंगे. अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने दूसरों के लिए मिसाल पेश की है.

मां ने किया क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित

योगेन्द्र बताते हैं कि "जब वह 7 साल के थे, उस समय से उनका रुझान क्रिकेट की ओर हो गया था. टीवी पर सचिन तेंदुलकर को खेलते देख उनका लगाव क्रिकेट की और बढ़ा, लेकिन उनके सपने को पंख उनकी मां ने दिए." योगेंद्र ने बताया, "उनकी मां को क्रिकेट में काफी रुचि थी. दोनों साथ बैठ कर क्रिकेट देखा करते थे, जब योगेन्द्र ने अपनी इच्छा बतायी तो मां ने योगेंद्र को प्रेरित किया और क्रिकेट खेलने के लिए आगे बढ़ाया. शुरुआत स्कूल क्रिकेट से हुई, लेकिन 2018 में पहली बार डिफरेंटली एबल (डिसेबल) क्रिकेट में खेलने का मौका मिला. इसके बाद बस लगातार मेहनत कर रहे हैं और घर वालों का हमेशा सपोर्ट रहा है.

कमजोर हाथ से चौके छक्के जड़ते हैं चंबल के योगेन्द्र (ETV Bharat)

कमजोर हाथ से दिखाई क्रिकेट में ताकत

योगेन्द्र कहते हैं, "दिव्यांगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन स्पोर्ट्स एक ऐसा माध्यम है. जिससे हम अपने आप को और बेहतर और फिट बना सकते हैं." उन्होंने कहा, "हाथ में परेशानी होने के बावजूद वह जितना काम कर पाते हैं, वो कहीं ना कहीं स्पोर्ट्स की वजह से है." उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्होंने जब डॉक्टर को बताया था कि वे अपने कमजोर हाथ से बॉलिंग करते हैं, तो डॉक्टर भी अचंभित रह गए थे. उनका कहना था कि ये हो ही नहीं सकता, क्योंकि बॉलिंग के लिए उनके हाथ में इतनी स्ट्रेंथ ही नहीं है.

चुनी गई टीम में विकेटकीपिंग करेंगे योगेन्द्र

योगेन्द्र वर्तमान में ओपनिंग बैट्समेन हैं, उनका श्रीलंका के कोलंबो में खेली जाने वाली चैंपियनशिप के लिए चयन हुआ है. वे 20 खिलाड़ियों और 5 रिजर्व खिलाड़ियों की टीम का हिस्सा हैं. वे कोलंबो में बतौर विकेट कीपर और बैट्समैन के तौर पर खेलेंगे. इंटरनेशनल डिसेबल क्रिकेट चैंपियनशिप की शुरुआत कोलंबो में 12 जनवरी को होगी. मुकाबला पाकिस्तान, इंग्लैंड, भारत और श्रीलंका के बीच होगा. इसको लेकर भारतीय टीम के कोच संजय सिंह तोमर मार्गदर्शन दे रहे हैं और लगातार स्ट्रेटेजी बना रहे हैं. कुछ दिन में जयपुर में कैम्प लगने वाला है और इसके बाद टीम श्रीलंका रवाना होगी.

ग्वालियर: बीहड़ और बंदूकों वाले चंबल से अब खिलाड़ी निकल रहे हैं, जो अपने हुनर से क्षेत्र का नाम रौशन कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के भिंड के बीहड़ी गांव भदाकुर से निकले योगेंद्र भदौरिया का भारतीय डिसेबल क्रिकेट टीम में चयन हुआ है. वे श्रीलंका में आयोजित होने वाली चैंपियनशिप में दम दिखाएंगे. बता दें कि बचपन से ही योगेन्द्र का एक हाथ दूसरे से छोटा है. जिसकी वजह से उनका हाथ ज्यादा मुड़ नहीं सकता है. किसने सोचा था कि उसी हाथ के दम पर योगेंद्र एक दिन भारतीय टीम के ओपनिंग बैट्समैन बनेंगे. अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने दूसरों के लिए मिसाल पेश की है.

मां ने किया क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित

योगेन्द्र बताते हैं कि "जब वह 7 साल के थे, उस समय से उनका रुझान क्रिकेट की ओर हो गया था. टीवी पर सचिन तेंदुलकर को खेलते देख उनका लगाव क्रिकेट की और बढ़ा, लेकिन उनके सपने को पंख उनकी मां ने दिए." योगेंद्र ने बताया, "उनकी मां को क्रिकेट में काफी रुचि थी. दोनों साथ बैठ कर क्रिकेट देखा करते थे, जब योगेन्द्र ने अपनी इच्छा बतायी तो मां ने योगेंद्र को प्रेरित किया और क्रिकेट खेलने के लिए आगे बढ़ाया. शुरुआत स्कूल क्रिकेट से हुई, लेकिन 2018 में पहली बार डिफरेंटली एबल (डिसेबल) क्रिकेट में खेलने का मौका मिला. इसके बाद बस लगातार मेहनत कर रहे हैं और घर वालों का हमेशा सपोर्ट रहा है.

कमजोर हाथ से चौके छक्के जड़ते हैं चंबल के योगेन्द्र (ETV Bharat)

कमजोर हाथ से दिखाई क्रिकेट में ताकत

योगेन्द्र कहते हैं, "दिव्यांगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन स्पोर्ट्स एक ऐसा माध्यम है. जिससे हम अपने आप को और बेहतर और फिट बना सकते हैं." उन्होंने कहा, "हाथ में परेशानी होने के बावजूद वह जितना काम कर पाते हैं, वो कहीं ना कहीं स्पोर्ट्स की वजह से है." उन्होंने बताया कि शुरुआत में उन्होंने जब डॉक्टर को बताया था कि वे अपने कमजोर हाथ से बॉलिंग करते हैं, तो डॉक्टर भी अचंभित रह गए थे. उनका कहना था कि ये हो ही नहीं सकता, क्योंकि बॉलिंग के लिए उनके हाथ में इतनी स्ट्रेंथ ही नहीं है.

चुनी गई टीम में विकेटकीपिंग करेंगे योगेन्द्र

योगेन्द्र वर्तमान में ओपनिंग बैट्समेन हैं, उनका श्रीलंका के कोलंबो में खेली जाने वाली चैंपियनशिप के लिए चयन हुआ है. वे 20 खिलाड़ियों और 5 रिजर्व खिलाड़ियों की टीम का हिस्सा हैं. वे कोलंबो में बतौर विकेट कीपर और बैट्समैन के तौर पर खेलेंगे. इंटरनेशनल डिसेबल क्रिकेट चैंपियनशिप की शुरुआत कोलंबो में 12 जनवरी को होगी. मुकाबला पाकिस्तान, इंग्लैंड, भारत और श्रीलंका के बीच होगा. इसको लेकर भारतीय टीम के कोच संजय सिंह तोमर मार्गदर्शन दे रहे हैं और लगातार स्ट्रेटेजी बना रहे हैं. कुछ दिन में जयपुर में कैम्प लगने वाला है और इसके बाद टीम श्रीलंका रवाना होगी.

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