रांची: राजधानी रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी स्थित शिव मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद भक्तों को मंदिर की परिक्रमा करने की सुविधा जल्द मिलने वाली है. इसके लिए पहाड़ी मंदिर विकास समिति ने शिव परिक्रमा पथ के निर्माण का फैसला लिया है. साथ ही योजना के लिए डीपीआर बनाने का निर्देश भी दे दिया गया है. पहाड़ी मंदिर विकास समिति के सचिव और झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य राकेश कुमार सिन्हा ने इसकी जानकारी दी है. राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि पहाड़ी मंदिर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ मृग विहार बनाने की भी योजना है.
करीब 350 फीट ऊंची पहाड़ी हिमालय से भी है पुरानी
रांची विश्वविद्यालय में भूगर्भ शास्त्र के प्रोफेसर डॉ नीतिश प्रियदर्शी कहते हैं कि जिस पहाड़ी पर भगवान भोलेनाथ विराजते हैं वह करीब 350 फीट ऊंची पहाड़ी हिमालय से भी पुरानी है. खोंडालाइट पत्थर से बना यह पहाड़ धरती की उत्पत्ति का इतिहास भी अपने आप में समेटे हुए हैं. समुद्रतल से करीब 2140 फीट ऊंची इस पहाड़ी का पत्थर अब भुरभुरा हो गया है और इसके संरक्षण की जरूरत है.
शिवरात्रि के दिन मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने की थी खास घोषणा
शिवरात्रि के दिन मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन पहाड़ी मंदिर के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. उस दौरान मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की थी कि सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि पहाड़ी की चोट पर अवस्थित भगवान भोलेनाथ के मंदिर तक बुजुर्ग भी पहुंच सकें. उन्होंने कहा था कि बुजुर्ग और दिव्यांग चाह कर भी चोटी पर स्थित भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग का दर्शन नहीं कर पाते हैं. ऐसे में सरकार ऐसी व्यवस्था करना चाहती है कि सभी लोग भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर सकें.