हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

दो साल से भी कम उम्र में शिव्या ने बनाया विश्व रिकॉर्ड, 1:45 में पहचाना 40 देशों का झंडा, मिला वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड सम्मान

शिमला की शिव्या ने 1:45 मिनट में 40 देशों के झंडे को पहचाना. इसके लिए उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड सम्मेलन में सम्मानित किया गया.

शिमला जिले की शिव्या का कमाल
शिमला जिले की शिव्या का कमाल (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 6 hours ago

Updated : 4 hours ago

शिमला:आपको ये जानकर बड़ी हैरानी होगी कि दो साल से भी कम उम्र की बच्ची अपने ज्ञान के दम पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित हुई है. अद्भुत ज्ञान की धनी ये बच्ची शिमला जिले के रोहड़ू उपमंडल की अन्द्रेव्ठी की रहने वाली है. इस बच्ची का नाम शिव्या है, जो महज 1 साल 11 महीने और 20 दिन की है. लेकिन शिव्या का आईक्यू इतना शार्प है कि उसने 1 मिनट 45 सेकंड में 40 देशों का झंडा और राजधानियों का नाम पहचान कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. इस अदभूत प्रतिभा की वजह से शिव्या को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है.

रोहड़ू के अन्द्रेव्ठी गांव की शिव्या बालनाटाह ने नया कीर्तिमान रचा है. शिव्या बालनाटाह ने केवल 1 साल, 11 महीने और 20 दिन की छोटी सी उम्र में 40 देशों के झंडों और उनकी राजधानियों की पहचान सिर्फ 1 मिनट 45 सेकंड में की. यह असाधारण उपलब्धि को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा मान्यता दी गई है. शिव्या को 12 नवंबर 2024 को मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड सम्मेलन में सम्मानित किया गया.

शिव्या ने बनाया विश्व रिकॉर्ड (ETV Bharat)

शिव्या की इस विश्व रिकॉर्ड की यात्रा बहुत जल्दी शुरू हो गई थी. उनके माता-पिता ने उनकी सहज जिज्ञासा और तेज बुद्धि को पहचानते हुए उन्हें झंडों और राजधानियों की दुनिया से परिचित कराया. शिव्या ने जानकारी को याद रखने और याद करने की अद्भुत क्षमता प्रदर्शित की. उनके समर्पण और लगातार अभ्यास करने के साथ ही उनके माता-पिता के अटूट समर्थन से इस उल्लेखनीय उपलब्धि को हासिल किया.

बता दें कि यह शिव्या की यह कोई पहली उपलब्धि नहीं है. शिव्या के पिता अभय बालनाटाह और माता आकांशा बालनाटाह ने कहा, "उन्हें गर्व है कि उनकी मासूम बच्ची प्रतिभाशाली है. वो शिव्या को और अधिक प्रेणना देंगे और आगे बड़े मंच तक पहुंचाएंगे. इस साल की शुरुआत में शिव्या को आकृतियों, वस्तुओं, जानवरों और मानवीय भावनाओं की पहचान करने सहित असाधारण संज्ञानात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए प्रतिष्ठित केवल 1 साल 6 महीने की आयु मे ‘आईबीआर अचीवर’ खिताब से सम्मानित किया गया था. उनका हालिया विश्व रिकॉर्ड उनकी एक बाल प्रतिभा के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करता है".

शिव्या की कहानी सभी माता-पिता और शिक्षकों के लिए एक प्रेरणा है. यह प्रारंभिक बचपन शिक्षा के महत्व और हर बच्चे में निहित क्षमता को उजागर करती है. उनकी जिज्ञासा को पोषित करके और उन्हें उत्तेजक सीखने के अनुभव प्रदान करके, हम उनकी पूरी क्षमता को अनलॉक कर सकते हैं. जैसे-जैसे शिव्या बढ़ती और सीखती जाती है, दुनिया उनकी अगली उपलब्धि का बेसब्री से इंतजार कर रही है.

ये भी पढ़ें:सेब की एक...दो नहीं पूरी 20 किस्में, उद्यान विभाग की प्रदर्शनी ने 'लूट' लिया लवी मेला

Last Updated : 4 hours ago

ABOUT THE AUTHOR

...view details