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हिमाचल के डीजीपी तक के पास नहीं सरकारी आवास, शिमला में 41 सरकारी आवास खाली, लेकिन रहने लायक नहीं - Himachal Assembly Monsoon Session

हिमाचल विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान आज ज्वालाजी से कांग्रेस विधायक संजय रत्न ने सरकारी आवासों की कमी को लेकर सवाल किया. जिसका जवाब में बड़ा खुलासा हुआ. हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को रहने के लिए भी कोई सरकारी आवास नहीं मिला है. ऐसे तो शिमला में 41 सरकारी आवासा हैं, लेकिन वे रहने लायक नहीं है. पढ़िए पूरी खबर...

हिमाचल मानसून सत्र
हिमाचल मानसून सत्र (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 29, 2024, 8:35 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में तीसरे दिन सरकारी आवासों की कमी का मामला गूंजा. ज्वालाजी से कांग्रेस विधायक संजय रत्न ने इस संदर्भ में सवाल किया था. सवाल के जवाब और फिर अनुपूरक सवालों में कई दिलचस्प खुलासे हुए. एक खुलासा ये हुआ कि शिमला में 41 सरकारी आवास खाली हैं, लेकिन उनकी दशा ऐसी है कि वो रहने लायक नहीं हैं. आलम ये है कि हिमाचल पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी तक के पास सरकारी आवास नहीं है. दरअसल, विधायक संजय रत्न ने शिमला में खाली पड़े सरकारी आवास और नए बन रहे रिहायशी आवास के बारे में जानकारी चाही थी. जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि विभिन्न श्रेणियों यानी टाइप-6, टाइप-5 आदि के 41 सरकारी आवास खाली हैं. क्योंकि ये आवास पुराने हैं और रहने लायक नहीं हैं, लिहाजा इन्हें आवंटित नहीं किया जाता. इसके अलावा शिमला में चार स्थानों पर अफसरों और कर्मियों के लिए सरकारी आवास बन रहे हैं.

डीजी ने खुद बताया, नहीं है उनके पास सरकारी आवास:संजय रत्न ने अनुपूरक सवाल के दौरान एक दिलचस्प बात कही. उन्होंने सदन में एक घटना का उल्लेख किया. एमएलए ने बताया कि 15 अगस्त को उन्हें लंदन व कनाडा से धमकी भरे फोन आए कि आप झंडा फहराने सीएम के साथ गए तो बम से उड़ा देंगे. एमएलए ने बताया कि इसी सिलसिले में उन्होंने रात 10 बजे डीजीपी को फोन किया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की. फिर आधे घंटे बाद में डीजीपी का फोन आया और बताया कि उनके पास सरकारी आवास नहीं है और वे खाना खाने के लिए बाहर गए थे. इसलिए फोन नहीं उठा पाए. संजय रत्न ने कहा कि अगर सरकार मकान इयर मार्क्ड (चिन्हित) करे तो जिस दिन डीजी टेकओवर करे, उन्हें सरकारी मकान अलॉट हो जाएगा. इसी दौरान संजय रतन ने सीएम से जानना चाहा कि क्या भविष्य में मंत्रियों, चेयरमैन व अफसरों के रहने के लिए सरकारी आवास इयर मार्क्ड किए जाएंगे

सदन में दिखा हाईकोर्ट का डर
अनुपूरक सवाल के जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कुछ मकान तो हाईकोर्ट ने इयर मार्क्ड कर दिए हैं. सीएम ने बताया कि हाल ही में हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया कि उन्हें और भी सरकारी मकान चाहिए. सीएम ने कहा कि आप (अध्यक्ष को अड्रेस करते हुए) जानते हैं कि हाईकोर्ट वालों से कैसे निपटना पड़ता है. वे एग्जीक्यूटिव को पूछते ही नहीं हैं. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार इस बारे में मुख्य न्यायाधीश से बात करेगी कि जब हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को सरकारी मकान की जरूरत होगी, उस समय उन्हें अलॉट किए जाएंगे.

सीएम ने स्वीकारा, डीजी रैंक को भी नहीं मिले आवास
इसी दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वीकार किया कि डीजीपी रैंक के अफसरों को भी सरकारी मकान नहीं मिले हैं. कई अफसर जिनका तबादला हुआ है और वे यहां शिमला आए हैं, वे अभी विल्ली पार्क (सरकारी इमारत) में ही रह रहे हैं. सीएम ने एमएलए संजय रत्न को भरोसा दिलाया कि मंत्रियों, डीजीपी व अन्य अफसरों को मकान इयर मार्क्ड करने की प्रक्रिया पर गंभीरता से विचार करेंगे. सीएम ने कहा कि जो इयर मार्क वाली बात है कि मकान विशेष मुख्य सचिव, डीजीपी का होना चाहिए या मंत्री का, इस पर भी गंभीरता से विचार करने का भरोसा सीएम ने दिया है. इस दौरान शिमला में भीड़-भाड़ का जिक्र भी आया. सीएम ने कहा कि यदि कुछ कार्यालयों को शिमला से बाहर डी-कंजस्ट किया जाए तो सही होगा.

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