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श्योपुर में 153 करोड़ की सिंचाई परियोजना फेल!, 35 गांव के किसान कर रहे इंतजार - SHEOPUR CHAMBAL IRRIGATION PROJECT

श्योपुर में चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का काम 2018 में शुरू हुआ. 2023 में योजना शुरू हुई लेकिन किसानों के खेत में पानी नहीं पहुंचा.

SHEOPUR CHAMBAL IRRIGATION PROJECT
श्योपुर की चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 30, 2024, 6:04 PM IST

श्योपुर: मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा मंजूर की गई 35 गांव के लिए चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना अभी भी अधूरी पड़ी है. किसानों की माने तो योजना शुरू हो चुकी है लेकिन खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा है. खेतों में बिछाई गई पाइप लाइन में जगह-जगह लीकेज है. लंबे संघर्ष के बाद किसानों के लिए सरकार ने 153 करोड़ 57 लाख रुपये की लागत की सिंचाई परियोजना 2018 में मंजूर की थी. जिसका लोकार्पण 2023 में हो चुका है लेकिन किसानों को अभी भी खेतों में पानी आने का इंतजार है.

2017 में किसानों ने किया था आंदोलन

श्योपुर और बड़ौदा क्षेत्र के 35 गांवों में सिंचाई की सुविधा नहीं होने और वाटर लेवल भी काफी नीचे होने के कारण यहां की जमीनें पड़त रह जाती थीं. इसी कारण 2017 में क्षेत्र के किसानों ने लंबा संघर्ष किया और भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन किया. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने श्योपुर जिले के किसानों को लगभग 153 करोड़ की लागत से बनने वाली चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को मंजूर किया था.

Sheopur 35 VILLAGES IRRIGATION PROJECT (ETV Bharat)

'भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी परियोजना'

किसान संघ के अध्यक्ष रामभरत कहते हैं कि "35 गांव की सिंचाई परियोजना अभी तक अधूरी पड़ी हुई है. विभागीय अधिकारी इस बात को कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि 35 गांव की नहर परियोजना सुचारू रूप से चालू है जबकि किसानों के खेतों में बिछाई गई पाइप लाइन में जगह-जगह लीकेज है. जिससे किसानों के खेतों में आज तक पानी नहीं पहुंचा है और किसान इस योजना का लाभ भी नहीं ले पा रहे हैं. जिला प्रशासन और योजना संबंधी ठेकेदार की लीपापोती से यह योजना सुचारू रूप से चालू नहीं हो पाई. कहा जाए तो योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है."

श्योपुर में किसानों के लिए सिंचाई परियोजना का लोकार्पण (ETV Bharat)
श्योपुर में सिंचाई परियोजना अधूरी (ETV Bharat)

'6 साल बाद भी पूरा नहीं हुआ काम'

किसान नेता रामलखन मीणाबताते हैं कि "चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की लागत 153 करोड़ 57 लाख रुपये है. इस परियोजना में स्प्रिंकल सिस्टम के जरिए 12 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होना थी. लगभग आधा सैकड़ा गांवों के लिए योजना को धरातल पर उतारा गया था लेकिन अभी भी काम अधूरा है. संबंधित कंपनी को 10 अक्टूबर 2018 में वर्कऑर्डर हुआ, जिसके मुताबिक 36 माह में प्रोजेक्ट का काम पूर्ण करना था लेकिन 6 साल बाद भी काम पूरा नहीं हो सका."

चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना (ETV Bharat)

'अधिकारियों और किसानों के साथ करेंगे बैठक'

चंबल सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को लेकर कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने कहा कि"सरकार के द्वारा किसानों के लिए जो सिंचाई योजना शुरू हई और किन कारणों से पूरा नहीं हुई है और इसमें क्या परेशानी है, इसे लेकर सिंचाई विभाग को जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं. योजना के ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों के साथ किसानों की बैठक कर समस्या का हल निकालेंगे. जिससे इस सिंचाई योजना का लाभ जल्द से जल्द किसानों को मिल सके.

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