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VIDEO: बनारस के भारत माता मंदिर में राष्ट्रीय गीत की धुन, शहनाई वादक महेंद्र प्रसन्ना ने दी ऐतिहासिक प्रस्तुति - Vande Mataram song in varanasi

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के शहनाई वादक महेंद्र प्रसन्ना ने भारत माता मंदिर में शनिवार को शहनाई की धुन पर वंदे मातरम गीत को गा कर नमन किया.

भारत माता मंदिर में राष्ट्रीय गीत की धुन
भारत माता मंदिर में राष्ट्रीय गीत की धुन (Photo Credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 7, 2024, 6:51 PM IST

Updated : Sep 7, 2024, 10:54 PM IST

वाराणसी: आज के ही दिन सन 1950 में पहली बार संसद में राष्ट्र गीत वंदे मातरम गूंजा था. इस दिन को यादगार बनाते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर के शहनाई वादक महेंद्र प्रसन्ना ने शनिवार को बनारस के भारत माता मंदिर में शहनाई की धुन पर वंदे मातरम गीत को गा कर नमन किया.

भारत माता मंदिर में राष्ट्रीय गीत की धुन (Video Credit; ETV Bharat)

भारत में काशी का इकलौता भारत माता मंदिर में शनिवार को हर दिन से अलग नजारा था. आम तौर पर शहनाई की धुन मंगल गीतों के लिए होते है, लेकिन शनिवार को देश की आन बान और शान के लिए ये बजा, कलाकार भी सबसे पहले मां का नमन कर पूजा अर्चन करते हुए अपनी साधना से नमन किया.

बता दें कि वंदे मातरम पहली बार 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 1896 का अधिवेशन कलकत्ता में हुआ था. जबकि 14 अगस्त 1947 की रात्रि में संविधान सभा की पहली बैठक का प्रारंभ वंदे मातरम के साथ और समापन जन गण मन.. के साथ हुआ. वहीं, 1950 में वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत और जन गण मन राष्ट्रीय गान बना. भारतीय संविधान सभा ने 24 जनवरी, 1950 को वंदे मातरम को राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया था.

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Last Updated : Sep 7, 2024, 10:54 PM IST

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