नई दिल्ली: सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का पर्व विशेष महत्व रखता है. यह 9 दिनों का उत्सव माता दुर्गा की अर्जुन शक्ति का प्रतीक है. शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2023 को महाष्टमी के दिन विशेष रूप से कन्या पूजन होगा. यह दिन मां दुर्गा के व्रत के दौरान श्रद्धालियों के लिए विशेष आस्था का केंद्र होता है.
कन्या पूजन का महत्व:कन्या पूजन का प्रचलन नवरात्रि के नौ दिनों में विशेष रूप से देखा जाता है. इस दिन मां दुर्गा की श्रद्धा में कन्याओं को देवी स्वरूप माना जाता है. पंडित सुनील शास्त्री के अनुसार, महाष्टमी के दिन कन्या पूजन करने से माता रानी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. यह एक पवित्र आस्था का प्रतीक है, जिसके माध्यम से भक्त अपनी इच्छाओं को मां दुर्गा के समक्ष प्रस्तुत करते हैं. शास्त्रों के अनुसार, कन्याओं की पूजा से समृद्धि, सुख और शांति की प्राप्ति होती है.
किस उम्र तक की लड़कियों का होता है पूजन:कन्या पूजन के लिए एक महत्वपूर्ण नियम है, जिसे शास्त्रों में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है. पुजारी सुनील शास्त्री के अनुसार, केवल 9 वर्ष तक की कन्याओं का ही पूजन करना चाहिए. वे शास्त्रों के अनुसार विभिन्न देवी रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं.
इन रूपों के माध्यम से कन्याओं का पूजन किया जाता है. 9 वर्ष की आयु पूरी होते ही कन्या शादी योग्य मानी जाती है, और इस दौरान उनके पूजन की मान्यता समाप्त हो जाती है. इसलिए, नवरात्रि में 9 वर्ष से अधिक की कन्याओं का पूजन मान्य नहीं होता.