शिमला: बांग्लादेश की पूर्व सीएम शेख हसीना के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन की आंच वहां रह रहे हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर आ गई है. बांग्लादेश में हिंदुओं के धार्मिक स्थलों, घरों पर हमले हुए हैं. इसे लेकर भारत समेत अन्य देशों की मीडिया ने भी प्रमुखता से उठाया है. इसके साथ शिक्षाविदों और इतिहासकारों ने भारतीय संसद को खुला पत्र लिखाकर इस संबंध में संसद से एक प्रस्ताव पारित करने की गुजारिश की है.
वहीं, हिमाचल के पूर्व सांसद शांता कुमार ने इस विषय पर कहा कि, 'जिस बांग्लादेश के निर्माण में भारत की सरकार और जनता ने पूरा समर्थन दिया था उसी बांग्लादेश में आज हिन्दुओं का जीवन भयंकर खतरे में हैं. हिन्दुओं के घरों को जलाया जा रहा है और उन सब की हत्या करने की की कोशिश की जा रही हैं. इस सम्बंध में पूरी दुनिया में भारतवासी अपना विरोध प्रदर्शऩकर रहे हैं. भारत सरकार को इस सम्बंध में हर संभव तरीके से बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा करनी चाहिए. भारत सरकार को अंतराष्ट्रीय मंच पर भी इस ज्वलंत प्रश्न को उठाना चाहिए.
पूर्व सीएम शांता कुमार ने कहा किभारत हिन्दु बहुसख्यंक देश है, लेकिन यहां पर सभी अल्पसख्ंयक पूरे सम्मान और सुरक्षा के साथ रहते हैं, लेकिन पड़ोसी बांग् देश में हिन्दुओं का जीवन आज खतरे में है. भारत के मुस्लिम नेताओं का यह परम कर्तव्य है कि वो बांग्लादेश के नेताओं से बड़े जोर से यह कहें कि जब भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक को पूरी सुरक्षा दी जाती है तो बांग् देश में भी हिन्दु अल्पसंख्यक हिन्दुओं को पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए. बांग्लादेश की राजनीति की स्थिति अस्थिर है. लम्बे समय तक यह अस्थिरता रहेगी. भारत सरकार को बांग्लादेश के हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए युद्ध स्तर पर अतिशीघ्र उचित कदम उठाने चाहिए.
बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं की कुल आबादी 7.97 प्रतिशत के करीब है. भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश की कुल आबादी 17 करोड़ के आसपास है. ऐसे में यहां हिंदुओं की आबादी 1.35 करोड़ है.बांग्लादेश के कई इलाकों हिंदुओं की जनसंख्या 10 प्रतिशत से अधिक है.
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