श...मैडम जी सो रही हैं, शहडोल के सरकारी स्कूलों की पोल खोलता वीडियो - Shahdol teacher sleeping - SHAHDOL TEACHER SLEEPING
अभिभावक अपने बच्चों को टीचर्स के भरोसे पढ़ने के लिए स्कूल तो भेज देते हैं, लेकिन उन्हें क्या पता कि सरकारी स्कूल क्या होता है. एक ऐसा ही वीडियो शहडोल जिले से वायरल हो रहा है जो सरकारी स्कूलों के शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहा है. वायरल वीडियो में क्लासरूम से बच्चे गायब हैं, मैडम जी फर्श पर चादर बिछाकर सोती नजर आ रही हैं.
शहडोल :सोशल मीडिया पर शहडोल के एक सरकारी स्कूल का वीडियो वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में स्कूल टीचर क्लास में सोती नजर आ रही हैं, और बच्चे नदारद है. वीडियो बनाने वाले शख्स ने पूरे प्रूफ के साथ इसे बनाया है. पहले वीडियो में स्कूल को दिखाया जाता है, फिर उसके बाद बाकायदा एक सरकारी राशन की दुकान में ले जाकर मोबाइल में टाइम दिखाया जा रहा है कि कितने बजे हैं. इसके बाद क्लास रूम में जाकर दिखाया जाता है कि शिक्षिका आराम फरमा रही हैं.
शहडोल के सरकारी स्कूलों की पोल खोलता वीडियो (Etv Bharat)
वीडियो बना रहे शख्स ने टीचर को उठाया
वीडियो बनाने वाला शख्स इसके बाद क्लासरूम में सो रही टीचर को उठाता भी है. वीडियो बनाने वाला सो रही टीचर से क्लास के बारे में पूछता है, उनका नाम पूछता है और उनके सोने की वजह पूछता है. क्लासरूम में उनके इन हालातों के बारे में पूछता है, तो क्लासरूम में सो रही शिक्षिका बहाने बनाते नजर आती हैं.
अमहा खेरवा शासकीय प्राथमिक स्कूल का मामला (Etv Bharat)
पूरा मामला शहडोल जिले के अंतिम छोर में स्थित ब्यौहारी ब्लॉक के अमहा खेरवा शासकीय प्राथमिक स्कूल का है. जहां क्लास रूम में उसी स्कूल की शिक्षिका का सोते हुए वीडियो वायरल हो रहा है. मैडम के स्कूल में सोने का वीडियो बनाकर वहां के ग्रामीणों ने ही वायरल किया है. अब यह वीडियो चर्चा का विषय भी बना हुआ है और मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों पर सवाल भी खड़े कर रहा है. वायरल वीडियो में नजर आ रही टीचर अपना नाम विद्यावती बता रही हैं, साथ ही सोने की वजह बताते हुए कहती हैं कि उनके पैर में दर्द था. इसलिए वे सो रही थीं. इसके बाद वीडियो बनाने वाला व्यक्ति उन्हें बोलता है कि ऐसा था तो उन्हें एप्लीकेशन लगाकर घर चले जाना था. स्कूल कोई आराम करने की जगह नहीं.वहीं इस पूरे मामले को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाया. जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह इस पूरे मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आए।