शहडोल:धान की फसल की खेती यहां खरीफ सीजन में बड़े ही प्रमुखता के साथ की जाती है और इस सीजन में सबसे ज्यादा बड़े रकबे में इसकी खेती होती है. अब धान की फसल के लिए पंजीयन का काम भी शुरू हो चुका है. ऐसे में इस बार किसानों की नजर भी इस बार एमएसपी पर है कि आखिर सरकार इस बार किस एमएसपी दर से धान की फसल खरीदेगी.
धान की फसल के लिए पंजीयन शुरू
खरीफ सीजन में शहडोल जिले में धान सबसे प्रमुख फसलों में से एक है और धान की फसल के लिए पंजीयन भी शुरू हो चुके हैं. शहडोल जिले में धान और सोयाबीन की फसल के लिए पंजीयन किए जा रहे हैं. पंजीयन की शुरुआत 19 सितंबर से ही शुरू हो चुकी है और यह 4 अक्टूबर तक चलेगी. जिन किसानों को अपनी धान सरकार को एमएसपी पर बेचना है उन्हें समय से पंजीयन कराना होगा.
किसानों को एमएसपी बढ़ने की उम्मीद
वर्तमान में प्रदेश में सोयाबीन का मुद्दा गर्माया हुआ है. किसान लगातार सोयाबीन फसल पर 6000 एमएसपी की मांग कर रहे हैं तो वहीं अब धान की फसल की एमएसपी को लेकर भी किसानों की उम्मीद जगी है. धान की खेती करने वाले किसानों का कहना है कि "चुनाव के वक्त सरकार ने अपने वचन पत्र में शामिल किया था कि धान की फसल को 3100 रुपये एमएसपी की दर से खरीदा जाएगा. ऐसे में अब यह बात उठनी शुरू हो चुकी है और किसानों को उम्मीद है कि इस बार धान की फसल की एमएसपी बढ़ेगी. ऐसा होने से उन्हें और अच्छे दाम मिलेंगे."
पिछले साल की बात करें तो सरकार ने किसानों से 2183 रुपये एमएसपी के हिसाब से धान का भुगतान किया था. अब किसान इस बार धान की फसल बेचने से पहले ही उम्मीद लगा रहे हैं कि बढ़े हुए एमएसपी के साथ धान की फसल खरीदी जाएगी.
'सरकार को वादा क्यों पूरा करना होगा'
भारतीय किसान संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह कहते हैं कि "धान की फसल को लेकर चुनाव से पहले सरकार ने जो घोषणा की थी कि हम 3100 रुपए एमएसपी की दर से धान खरीदेंगे लेकिन चुनाव गया बात गई ऐसा हो गया. फिर भी अभी उम्मीद है. किसान संघ ने अभी सोयाबीन पर मुहिम छेड़ी है और धरना प्रदर्शन चल रहे हैं. धान और गेहूं का समर्थन मूल्य भी जो बीजेपी सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि धान में 3100 और गेहूं में 2700 रुपए एमएसपी दिया जाएगा.