Shahdol Farmers Trap Crop:बदलते वक्त के साथ खेती किसानी में भी अब नए-नए प्रयोग हो रहे हैं. नई-नई तकनीक आ रही है. अब किसान भी स्मार्ट होता जा रहा है. अक्सर वो इस बारे में सोचता रहता है, कि आखिर कैसे खेती किसानी में लागत को कम किया जाए. फसलों पर जो कीट लगते हैं. कैसे बिना दवाइयों के उसे कंट्रोल किया जाए. ऐसे में ट्रैप क्रॉप किसानों का सबसे बड़ा दोस्त हो सकता है. उनके लिए फायदेमंद भी हो सकता है.
क्या है ट्रैप क्रॉप ?
ट्रैप क्रॉप को लेकर कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापतिबताते हैं कि "ट्रैप क्रॉप को हम आसान भाषा में कहें तो ये जाल फसल कहलाती है. आप इसको जाल शब्द से ही समझ सकते हैं. ये किसी प्रकार की कीट को पकड़ने के लिए अपनी ओर आकर्षित करने के लिए उपयोग में लाया जाता है. इसको अगर हम परिभाषित करें तो ट्रैप क्रॉप वो क्रॉप होती है, जो मेन क्रॉप जो होती है, उसके चारों ओर बाउंडरी में या स्ट्रिप रूप में लगाया जाता है.
क्या है ये ट्रैप क्रॉप (ETV Bharat) ये मेन क्रॉप के साथ लगाने पर जो होते हैं, जो मेन क्रॉप के फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीट होते हैं. उस कीट को वो अपनी ओर आकर्षित कर लेता है. आकर्षित होने के बाद वो उस पर अंडे देकर अपने जीवन चक्र को पूरा करता है. जिसके कारण हमारी जो मुख्य फसल होती है. वो उस कीट के प्रभाव से सुरक्षित हो जाती है. कई बार जो ट्रैप क्रॉप से हमें उत्पादन भी मिलता है. कई बार नहीं भी मिलता है, लेकिन हमारी मुख्य फसल बच जाती है, सुरक्षित हो सकती है."
किस तरह की फसल में कैसा ट्रैप क्रॉप
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति ट्रैप क्रॉप को लेकर कहते हैं कि अगर कुछ उदाहरण के तौर पर देखें, तो जैसे कि टमाटर की फसल है. टमाटर के चारों तरफ जो होता है, हमें मुख्य रूप से मेरी गोल्ड मतलब गेंदे की खेती की जाती है. गेंदा जो होता है मुख्य रूप से टमाटर में लगने वाले कुछ विशेष प्रकार के कीटों के नियंत्रण के लिए उपयोग में लाया जाता है. कपास की फसल के चारों तरफ अरहर की खेती की जाती है. जिससे कपास में लगने वाले कीट को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
ट्रैप क्रॉप को जाल फसल भी कहते हैं (ETV Bharat) वहीं बैंगन के चारों ओर धनिया की खेती की जाती है. जिससे बैगन में जब फल भेदक कीट लगने को होते हैं, तो धनिया उसके नियंत्रण के उपयोग में आता है, क्योंकि बैंगन में लगने वाले कीट धनिया में आकर्षित हो जाते हैं. इसी तरह से चाइनीज कैबेज की बात करें तो चाइनीज कैबेज जो होता है, उसके चारो ओर ट्रैप क्रॉप के तौर पर मस्टर्ड जिसे सरसों बोला जाता है. उसकी खेती की जाती है.
इसी तरह हमारे यहां रबी के मौसम में किसान प्याज भी लगाते हैं. इसमें रस चूषक कीट लगते हैं. ऐसे में इसमें ट्रैप क्रॉप के तौर पर गाजर लगाया जाता है. इसके अलावा हम गर्मी के दिनों में जो तरबूज लगाते हैं, उसके चारों ओर अगर स्क्वैश लगा दिया जाए, तो इससे स्क्वैश बग कीट जो होता है, उसके चारों ओर नियंत्रण हो जाता है. इसी तरह मूंगफली के चारों ओर अगर हम सूरजमुखी की खेती करते हैं, तो जो कीट होते हैं, उसका नियंत्रण हो जाता है.