छतरपुर: जिले में लघु सिंचाई परियोजना के अंतर्गत बांध निर्माण कार्य हो रहा है. इसमें किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है, जिसे लेकर किसान असंतुष्ट हैं. किसानों ने यहां जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट में धरना दिया. इस दौरान कई किसानों ने गाना गाते हुए अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने गाना गाते हुए आरोप लगाया है कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है.
कई गांवों के किसानों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव
छतरपुर जिले के ग्राम छापर, सिलावट, पड़रिया और नेगवा के किसानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने कहा है कि लघु सिंचाई परियोजना के अंतर्गत बांध निर्माण में अधिग्रहित जमीनों का उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए.
प्रत्येक एकड़ पर 10 लाख रुपए मुआवजा की मांग
धरने पर बैठे किसान चाह रहे थे कि कलेक्टर उनकी समस्या खुद आकर सुनें, लेकिन वह आवेदन लेने किसानों के पास नहीं पहुंचे. एक किसान ने कहा, " मेरी जमीन को जबरन ठेकेदार कब्जा कर रहे हैं. खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया है, फसल बर्बाद हो गई. जमीन का मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है. सरकार जमीन के बदले जमीन दे या फिर 10 लाख रुपए प्रत्येक एकड़ के हिसाब मुआवजा दिया जाए."
3 बार दे चुके हैं आवेदन
धरने पर बैठे किसान राजेन्द्र पटेल ने कहा, " हम लोगों की सिलावट गांव में जमीन है. बांध कार्य में हमारी जमीन को सरकार द्वारा अधिग्रहण किया गया है. हम लोगों के लिए जमीन ही सब कुछ है. जब जमीन ही नहीं रहेगी तो हम क्या करेंगे. जनसुनवाई में 3 बार कलेक्टर को आवेदन दे चुके हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई."
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वहीं जब छतरपुर एडीएम मिलिंद नागदेवे ने कहा, " छोटी-मोटी समस्याएं तो बनी रहती है. आवेदन दिया गया है, उसकी SDM के माध्यम से जांच करवाई जाएगी. जो पॉलसी होगी, उसी के तहत काम किया जाएगा."