जांजगीर चांपा:जांजगीर चांपा जिला के धार्मिक नगरी शिवरीनारायण को शबरी और नारायण नाम से जाना जाता है. माता शबरी के जन्म स्थली के रूप में प्रसिद्ध शिवरीनारायण महानदी, शिवनाथ नदी और जोक नदी के पवित्र त्रिवेणी संगम में बसा है, इसे प्रेम, आस्था और विश्वास की नगरी के रूप मे देखा जाता है. यहां आज भी माता शबरी से जुड़ी कई लोक मान्यता प्रसिद्ध है. मंदिर के सामने स्थित विशाल कृष्ण वट वृक्ष, अक्षय वट वृक्ष दोना आकृति के पत्ता के साथ सालों से मौजूद है. मान्यता है कि इसी पत्ते पर माता शबरी ने अपने जूठे बेर भगवान राम को खिलाए थे.
शिवरीनारायण का धार्मिक महत्व: दरअसल, धार्मिक नगरी शिवरीनारायण को छत्तीसगढ़ के नक्शे में प्रमुख धार्मिक स्थल और पर्यटन नगरी के रूप में पहचाना जाता है. शिवरीनारायण को माता शबरी की जन्म स्थली भी माना जाता है.
शबरी पिता को छोड़ चली गई थी:मान्यता है कि शबरी भील राजा की पुत्री थी, जिसके शादी के लिए उनके पिता ने खास तैयारी कर ली थी. बाल्य काल में बेटी की शादी करने के लिए बारतियों के स्वागत में भेड़-बकरी भी भारी मात्रा में लाया गया. शबरी ने शादी में भेड़ बकरी लाने का कारण पूछा और बारातियों के खाने के लिए इनकी बलि दिए जाने की सूचना के बाद ना केवल शादी से इंकार कर दिया बल्कि पिता का घर और राज्य छोड़ कर चली गई.